- आरजेडी नेता श्याम रजक ने चिराग पासवान से की मुलाकात
- नई दिल्ली में हुई मुलाकात के बाद शुरू हुआ कयासों का दौर
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल में लोकजनशक्ति पार्टी के नेता पशुपति पारस को स्थान मिलने के बाद अब चिराग पासवान अपनी अलग राह पर निकलते हुए दिख रहे हैं। कभी खुद को पीएम मोदी का हनुमान बताने वाले चिराग पासवान का अब शायद पीएम से मोहभंग हो चुका है। इन सबके बीच लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल (RJD)और चिराग के बीच नजदीकियां बढ़ने के संकेत मिलने लगे हैं। इन कयासों को उस समय और बल मिला जब राजद के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने चिराग पासवान से दिल्ली में मुलाकात की।
रजक ने की चिराग से मुलाकात
खुद श्याम रजक ने मुलाकात की तस्वीरों को ट्वीट करते हुए कहा, 'आज नई दिल्ली स्थित 12 जनपथ आवास पर आदरणीय बड़े भाई स्व॰ रामविलास पासवान जी की धर्मपत्नी श्रीमती रीना पासवान जी व उनके पुत्र व सांसद श्री चिराग पासवान जी से शिष्टाचार मुलाकात किया।' इस मुलाकात के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा तेज है कि क्या रजक लालू का कोई संदेश लेकर चिराग पासवान के पास पहुंचे थे? कयास इसलिए भी तेज हैं क्योंकि लोजपा में हुई टूट के बाद पहली बार चिराग से आरजेडी के किसी बड़े नेता ने मुलाकात की है।
चिराग ने जताई थी चाचा को कैबिनेट मंत्री बनाने पर आपत्ति
आपको बता दें कि लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के सांसद चिराग पासवान को केंद्रीय मंत्रिमंडल में चाचा और सांसद पशुपति पारस को शामिल करने का फैसला रास नहीं आया था। उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री के इस अधिकार का पूर्ण सम्मान है कि वे अपनी टीम में किसे शामिल करते हैं और किसे नहीं। लेकिन, जहां तक लोजपा का सवाल है पारस जी हमारे दल के सदस्य नहीं हैं। पार्टी को तोड़ने जैसे कार्यों को देखते हुए उन्हें मंत्री, उनके गुट से बनाया जाए तो लोजपा का कोई लेना देना नहीं है।'
हाईकोर्ट से लगा झटका
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के एक धड़े के नेता चिराग पासवान की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा पशुपति कुमार पारस को सदन में पार्टी के नेता के तौर पर मान्यता देने को चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने कहा, 'यह काफी अच्छी तरह स्थापित है कि सदन के आंतरिक विवादों के नियमन का अधिकार अध्यक्ष का विशेषाधिकार है।' बिहार के जमुई से सांसद लोजपा नेता चिराग पासवान ने बुधवार को कहा कि लोकसभा अध्यक्ष के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती भी दी है।