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Amarnath Yatra:अमरनाथ यात्रा से पहले चप्पे चप्पे पर सुरक्षा, देखिए ग्राउंड वीडियो रिपोर्ट

Updated Jun 15, 2022 | 13:35 IST

अमरनाथ यात्रा से पहले प्रशासन ने सुरक्षा के तगड़े बंदोबस्त किए है। अमरनाथ यात्रा सुरक्षित और निर्बाध रुप से चले इसके लिए चप्पे चप्पे पर निगरानी की जा रही है। त्रा की शुरुआत 30 जून से शुरू होगी और यह 11 अगस्त रक्षा बंधन के दिन तक चलेगी।

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मुख्य बातें
  • अमरनाथ यात्रा से पहले सुरक्षा के तगड़े बंदोबस्त किए गए हैं
  • अमरनाथ यात्रा की शुरुआत 30 जून से शुरू होगी और यह 11 अगस्त रक्षा बंधन के दिन तक चलेगी
  • अमरनाथ की गुफा में इस बार 10 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों के हिम शिवलिंग के दर्शन करने की उम्मीद है

नई दिल्ली: अमरनाथ यात्रा पर आतंकवादी हमले की आशंका को देखते हुए सरकार ने सुरक्षा इंतजाम चाक चौबंद कर दिए है। अमरनाथ यात्रा से पहले चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा सुनिश्चित की गई है।  गौर हो कि औपचारिक रूप से अमरनाथ यात्रा की शुरुआत 30 जून से शुरू होगी और यह 11 अगस्त रक्षा बंधन के दिन तक चलेगी। इस वीडियो में देखिए ग्राउंड रिपोर्ट।

श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) ने ट्वीट किया कि वार्षिक अमरनाथ यात्रा की शुरुआत के अनुष्ठान के तहत ज्येष्ठ पूर्णिमा के अवसर पर मंगलवार को भगवान शिव के पवित्र गुफा मंदिर में प्रथम पूजा की गई।एसएएसबी के मुताबिक बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नितीश्वर कुमार ने अन्य पदाधिकारियों के साथ प्रार्थना में भाग लिया।

पर्यटन स्थल पहलगाम से 45 किलोमीटर दूर दक्षिण कश्मीर हिमालय में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ की गुफा में इस बार 10 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों के हिम शिवलिंग के दर्शन करने की उम्मीद है।कोविड-19 महामारी के कारण दो वर्षों के बाद अमरनाथ यात्रा को आम लोगों के लिए फिर से शुरू किया गया है।गौरतलब है कि 2019 में अनुच्छेद-370 को निरस्त करने के बाद केंद्र द्वारा जम्मू-कश्मीर में कड़े प्रतिबंध लगाने के मद्देनजर एहतियात के तौर पर यात्रा को रोक दिया गया था जबकि कोविड-19 महामारी के कारण 2020 और 2021 में यात्रा के केवल अनुष्ठान आयोजित किए गए थे।

कठुआ में अमरनाथ यात्रियों के लिए 20 विश्राम स्थल बनाए गए

 जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में आगामी अमरनाथ यात्रा के लिए 8,000 लोगों के ठहरने लायक 20 विश्राम स्थल बनाए गए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।लखनपुर में तीर्थयात्रा के लिए सुविधाओं का निरीक्षण कर रहे अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) आर के गोयल के मुताबिक कठुआ के उपायुक्त राहुल पांडे ने कहा कि इन स्थलों में लंगर (सामुदायिक रसोई) की सुविधा होगी और ये यात्रियों के ठहरने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।अमरनाथ मंदिर के लिए 43 दिन लंबी यात्रा 30 जून को दो मार्गों-दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में पारंपरिक 48 किलोमीटर और मध्य कश्मीर के गांदरबल में 14 किलोमीटर छोटे बालटाल मार्ग से शुरू होने वाली है।

अमरनाथ यात्रा के लिए आधार कार्ड का सत्यापन अनिवार्य

अमरनाथ यात्रा करने के इच्छुक तीर्थयात्रियों को अपना आधार कार्ड दिखाना होगा या सत्यापन के वास्ते स्वेच्छा से आधार जमा कराना होगा।सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में यह बात कही गई है, जो कि तत्काल प्रभाव से लागू रहेगी।अमरनाथ यात्रा 30 जून को शुरू होगी और 11 अगस्त को संपन्न होगी। अनुच्छेद 370 रद्द किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में लागू कई प्रतिबंधों के चलते अमरनाथ यात्रा की अवधि में कटौती की गई है। इस साल 10 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों के यात्रा में शामिल होने का अनुमान है।   (एजेंसी इनपुट के साथ )
 

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