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Chandigarh: पंजाब के मुख्यमंत्री के चंडीगढ़ आवास पर लगा 10,000 रुपए का जुर्माना, घर के बाहर कचरा डालने पर काटा चालान

Updated Jul 23, 2022 | 17:00 IST

Chandigarh: स्थानीय बीजेपी पार्षद महेशिंदर सिंह सिद्धू ने कहा कि उन्हें पिछले कुछ समय से निवासियों की ओर से मकान नंबर-7 के पीछे मुख्यमंत्री आवास के कर्मचारियों द्वारा कूड़ा निस्तारण की शिकायत मिल रही थी।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
पंजाब के मुख्यमंत्री के चंडीगढ़ आवास पर लगा जुर्माना। (File Photo)

Chandigarh: चंडीगढ़ नगर निगम ने शनिवार को शहर में पंजाब के मुख्यमंत्री के आवास पर कचरा फैलाने के आरोप में 10,000 रुपए का जुर्माना लगाया है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल बटालियन के पुलिस उपाधीक्षक हरजिंदर सिंह के नाम पर चालान किया गया है। चालान में लिखा घर का पता है, हाउस नंबर-7, सेक्टर-2, चंडीगढ़।

पंजाब के मुख्यमंत्री के चंडीगढ़ आवास पर लगा 10,000 रुपए का जुर्माना

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घर के बाहर कचरा डालने पर काटा गया 10,000 रुपए का चालान

स्थानीय बीजेपी पार्षद महेशिंदर सिंह सिद्धू ने कहा कि उन्हें पिछले कुछ समय से निवासियों की ओर से मकान नंबर-7 के पीछे मुख्यमंत्री आवास के कर्मचारियों द्वारा कूड़ा निस्तारण की शिकायत मिल रही थी। साथ ही कहा कि नगर निगम के कर्मचारियों की ओर से कई बार उनसे अनुरोध किया गया कि वे घर के बाहर कचरा न फेंके, लेकिन ये नहीं रुका और इसलिए चालान जारी किया गया है। बीजेपी पार्षद ने कहा कि मकान नंबर 44, 45, 6 और 7 मुख्यमंत्री आवास का हिस्सा है।

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इससे पहले शुक्रवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार से मांग की कि वह फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गठित समिति में राज्य को उचित प्रतिनिधित्व देने के लिए इसका पुनर्गठन करें। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को अलग-अलग लिखे पत्र में एमएसपी पर गठित समिति का पुनर्गठन करने का आग्रह करते हुए कहा है कि इस समिति में पंजाब का कोई भी प्रतिनिधि मौजूद नहीं है।

एमएसपी पर एक पैनल के गठन का वादा करने के लगभग आठ महीने बाद केंद्र सरकार ने इस हफ्ते की शुरुआत में एक समिति का गठन किया था। इससे पहले बुधवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने समिति में पंजाब को प्रतिनिधित्व नहीं देने के लिए केंद्र को आड़े हाथ लेते हुए कहा था कि राज्य के किसानों के बगैर ये पैनल आत्मा के बिना शरीर जैसा होगा। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत देश के लगभग 80 करोड़ लोगों को हर साल लगभग 6.2 करोड़ टन गेहूं एवं चावल बेहद रियायती दरों पर वितरित किए जाते हैं।

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