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RSS प्रमुख भागवत के पालघर में साधुओं की हत्या को लेकर पुलिस से सवाल, कोरोना और तबलीगी पर कही ये बात

Updated Apr 26, 2020 | 19:09 IST

Mohan Bhagwat on Palghar Lynching: राष्ट्रीय स्वयंसेवक (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने कोरोना वायरस, तबलीगी जमात और पालघर लिंचिंग को लेकर अपनी राय रखी है।

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पालघर, कोरोना और तबलीगी जमात पर भागवत ने कही ये बात
मुख्य बातें
  • मोहन भागवत ने लोगों से घरों में रहने की अपील करते हुए कहा सोशल डिस्टेंसिंग का रखें खयाल
  • महाराष्ट्र के पालघर में साधुओं की हत्या को लेकर हमारे मन भी दुख है- भागवत
  • कोई डर या क्रोध की वजह से कुछ उल्टा सीधा कर देता है तो सारे समहू को उसमें शामिल करना ठीक नहीं- भागवत

नागपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख  मोहन भागवत ने कहा है कि इस समय पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है। उन्होंने लोगों से घरों में रहने की अपील करते हुए कहा कि लॉकडाउन के दौरान आरएसएस सक्रिय है, संगठन राहत कार्य में जुटा है। संघ प्रमुख ने कहा लोगों को जागरूक करने के साथ ही संघ कार्यकर्ता कोविड-19 के मद्देनजर सभी नियमों और सावधानियों का पालन कर रहे हैं।

मोहन भागवत ने कहा कि महामारी का खात्मा होने तक हमें राहत कार्य जारी रखना चाहिए, कोविड-19 संकट से प्रभावित सभी लोगों की मदद करनी चाहिए। सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत इस महामारी का प्रभावी रूप से मुकाबला किया क्योंकि सरकार और लोगों ने इस संकट से निपटने के लिए आगे बढ़कर काम किया है।आरएसएस प्रमुख भागवत ने देश में स्थिति का फायदा उठाने संबंधी निहित स्वार्थों को लेकर आगाह किया।

पालघर पर कही ये बात

पालघर में दो साधुओं की मॉब लिंचिंग को लेकर संघ प्रमुख ने कहा कि महाराष्ट्र में संन्यासियों की हत्या हुई और ऐसा उपद्रवी लोगों ने किया। इस घटना को लेकर हम सभी के मन में दुख है। उनको श्रद्धांजलि देने के लिए हम कुछ कार्यक्रम भी करेंगे। उन्होंने पुलिस पर सवाल खड़े करते हुए कहा, 'ये कृत्य होना चाहिए था क्या? कानून व्यवस्था को हाथ में लेना चाहिए क्या? ऐसा जब होता है तो पुलिस को क्या करना चाहिए? ये सारी बातें सोचने वाली बातें हैं।' 

 तबलीगी की तरफ इशारा!

संघ प्रमुख ने कहा कि यदि कोई डर या क्रोध की वजह से कुछ उल्टा सीधा कर देता है तो सारे समहू को उसमें शामिल कर उनसे दूरी बनाना सही नहीं है। माना जा रहा है कि यह संघ प्रमुख का तबलीगी की तरफ इशारा था। उन्होंने कहा, 'भारत की 130 करोड़ आबादी भारत माता की संतानें हैं।  इसे ध्यान में रखा जाना चाहिए। दोनों तरफ से कोई डर या गुस्सा नहीं होना चाहिए। तर्कसंगत और जिम्मेदार लोगों को अपने समूहों को इससे बचाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं किया गया तो क्या होगा ?' 

सभी अपने हैं

लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग की अपील करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि सारी दुनिया कोरोना से जूझ रही है. कोरोना से घर में ही रहकर जंग जीतना है। उन्होंने कहा, 'अपने समाज की सर्वांगीण उन्नति हमारी प्रतिज्ञा है। इसलिए जब तक काम पूरा नहीं होगा तब तक हमें सतत् भाव से यह सेवा कार्य करते रहना है। सेवाकार्य बिना किसी भेदभाव के सबके लिए करना है। जिन्हें सहायता की आवश्यकता है वे सभी अपने है, उनमें कोई अंतर नहीं करना। अपने लोगों की सेवा उपकार नहीं है वरन हमारा कर्तव्य है।'

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