- बीजेपी के पूर्व राज्यसभा सांसद और आरएसएस नेता ने खोला कृषि मंत्री के खिलाफ मोर्चा
- RSS नेता शर्मा बोले- कृषि मंत्री के सिर चढ़ गया है सत्ता का मद, क्यों खो रहे हो दुर्लभ जनमत?
- सत्ता का मद जब चढ़ता है तो नदी, पहाड़ या वृक्ष की तरह दिखाई नहीं देता- शर्मा
नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों को लेकर एक तरफ सरकार लगातार इन्हें किसान के हित में बताते हुए संसद से लेकर आम लोगों तक संदेश पहुंचाने में जुटी हुई है वहीं दूसरी तरफ अपने ही लोग सरकार पर निशाना साध रहे हैं। तीनों नए कृषि कानूनों के खिलाफ अब मध्य प्रदेश के पूर्व सांसद और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पर तीखा हमला करते हुए सरकार पर भी निशाना साधा है।
सरकार करे राष्ट्रवाद को मजबूत
मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यसभा सदस्य रघुनंदन शर्मा ने अपने फेसबुक पोस्ट में कृषि मंत्री को सुझाव भी दिया कि उन्हें राष्ट्रवाद को मजबूत करने की दिशा में काम करना चाहिए। शर्मा ने कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर को निशाने पर लेते हुए कहा है कि उनके सिर पर सत्ता का नशा चढ़ गया है। शर्मा की फेसबुक पोस्ट वायरल हो रही है उन्होंने कहा कि जब किसान अपनी भलाई नहीं चाहते हैं तो फिर कृषि मंत्री अपना कदम पीछे खींचकर बीजेपी को हो रहे नुकसान से क्यों नहीं बचा रहे हैं।
फेसबुक पोस्ट
शर्मा ने फेसबुक पोस्ट में लिखा, 'प्रिय नरेंद्र जी, आप भारत शासन में सहयोगी एवम सहभागी हैं l आज की राष्ट्रवादी सरकार बनने तक हज़ारों राष्ट्रवादियों ने अपने जीवन और यौवन को खपाया है l पिछ्ले 100 वर्षों से जवानीयाँ अपने त्याग समर्पण और परिश्रम से मातृभूमि की सेवा तथा राष्ट्रहित सर्वोपरि की विचार धारा के विस्तार में लगी हुई है l आज आपको जो सत्ता के अधिकार प्राप्त हैं, वे आपके परिश्रम का फल है, यह भ्रम हो गया है l सत्ता का मद जब चढ़ता है तो नदी, पहाड़ या वृक्ष की तरह दिखाई नहीं देता, वह अदृश्य होता है जैसा अभी आपके सिर पर चढ़ गया है l प्राप्त दुर्लभ जनमत को क्यों खो रहे हो?'
ऐसी भलाई का क्या फायदा
पोस्ट में कांग्रेस का जिक्र करते हुए शर्मा ने आगे लिखा, ' कांग्रेस की सभी सड़ी गली नीतियाँ हम ही लागू करें यह विचार धारा के हित में नहीं है l बूंद बूंद से घड़ा खाली होता है, जनमत के साथ भी यही है l आपकी सोच कृषकों के हित की हो सकती है परंतु कोई स्वयम का भला नहीं होने देना चाहता तो बलात् भलाई का क्या ओचित्य है l कोइ नंगा, नंगा ही रहना चाहता तो बल पूर्वक कपड़े क्यों पहनाना? आप राष्ट्रवाद को बल शाली बनाने में संवैधानिक शक्ति लगाओ, कहीं हमें बाद में पछताना ना पड़े l सोचता हूं विचार धारा के भविष्य को सुरक्षित रखने का संकेत समझ गए होगें।'
आपको बता दें कि रघुनंदन शर्मा बीजेपी के उन नेताओं में शुमार हैं जो अक्सर अपनी ही पार्टी को निशाने पर लेते रहे हैं।