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S-400 रूस से खरीदेंगे, अमेरिका को बता दिया है अपना फैसला : जयशंकर

Updated Oct 02, 2019 | 17:30 IST | भाषा

S Jaishankar on S-400 : ‘एस-400 ट्राइअम्फ’ मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद के संबंध में किए गए एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, ‘भारत ने ‘एस-400 ट्राइअम्फ’ मिसाइल रक्षा प्रणाली पर एक फैसला लिया है।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
एस-400 खरीदने पर अमेरिका को है एतराज।
मुख्य बातें
  • भारत ने 2015 में रूस से सतह से हवा में मार करने वाली ‘एस-400 ट्राइअम्फ’ मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने का फैसला किया है
  • 5.43 अरब डालर मूल्य के इस सौदे के लिए पीएम नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने किए हैं हस्ताक्षर
  • रूस के साथ इस करार के चलते भारत को अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है

वाशिंगटन : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि भारत को ‘एस-400 ट्राइअम्फ’ मिसाइल रक्षा प्रणाली की जरूरत है और उसने रूस से यह प्रणाली हासिल करने के अपने फैसले से ट्रंप प्रशासन को अवगत करा दिया है। साथ ही विदेश मंत्री ने विश्वास जताया कि अमेरिका इस खरीद के पीछे के भारत के तर्क को समझेगा और सराहेगा। भारत ने 2015 में रूस से सतह से हवा में मार करने वाली ‘एस-400 ट्राइअम्फ’ मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने की अपनी मंशा का ऐलान कर दिया था। 5.43 अरब डालर मूल्य के इस सौदे के तहत रक्षा प्रणाली की आपूर्ति के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की पिछले साल की भारत यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे।

ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने भारत को आगाह किया था कि रूस के साथ इस करार के चलते उसे अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है। ये प्रतिबंध ‘अमेरिका के दुश्मनों का प्रतिबंध अधिनियम के तहत मुकाबला(सीएएटीएसए)’के तहत लगाए जाने का प्रावधान है। इस अधिनियम के तहत रूस, ईरान और उत्तर कोरिया से रक्षा खरीद पर रोक है।

‘एस-400 ट्राइअम्फ’ मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद के संबंध में किए गए एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, ‘भारत ने ‘एस-400 ट्राइअम्फ’ मिसाइल रक्षा प्रणाली पर एक फैसला लिया है और हमने अमेरिकी सरकार के साथ भी इस पर चर्चा की है।’जयशंकर इन दिनों अपनी सरकारी यात्रा पर अमेरिका आए हुए हैं।

इस सवाल पर कि क्या भारत द्वारा रूस से ‘एस-400 ट्राइअम्फ’ मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के फैसले पर आगे बढ़ने से क्या अमेरिका द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने की संभावना है, जयशंकर ने कहा,‘मुझे अपनी सूझबूझ की ताकत पर काफी भरोसा है।’उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद रहेगी कि लोग इस बात को समझेंगे कि यह खास सौदा हमारे लिए क्यों महत्वपूर्ण है । इसलिए आपने मुझसे जो सवाल किया है, वह काल्पनिक है।’उनसे यह सवाल एक रूसी पत्रकार ने किया था।

जयशंकर ने वाशिंगटन डीसी स्थित ‘सेंटर फोर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्ट्डीज (सीएसआईएस) को संबोधित करते हुए यह बात कही। ‘एस-400 ट्राइअम्फ’ मिसाइल रक्षा प्रणाली सर्वाधिक आधुनिक लंबी दूरी की हवाई रक्षा मिसाइल प्रणाली है जिसे रूस में 2007 में सेवा में शामिल किया गया था। इसे विमानों, क्रूज और बैलेस्टिक मिसाइलों को नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह जमीनी स्तर पर भी रक्षा उपकरणों को नष्ट करने में सक्षम है।

‘एस-400 ट्राइअम्फ’मिसाइल रक्षा प्रणाली 400 किलोमीटर की दूरी और 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर लक्ष्य पर निशाना साध सकती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पिछले महीने सुदूर पूर्वी रूसी बंदरगाह शहर व्लादिवोस्तोक की यात्रा के दौरान भारत और रूस ने रूसी सेना के उपकरणों के लिए कल पुर्जो का विनिर्माण, तकनीक हस्तांतरण के तहत भारत में किए जाने का फैसला किया गया था।

इस फैसले के तहत दोनों देशों ने अपने मौजूदा खरीदार और विक्रेता के संबंधों को साझीदारी में बदलना तय पाया गया था। इसी यात्रा के दौरान मोदी और पुतिन ने भारत और रूस साझेदारी को सहयोग की नयी ऊंचाइयों पर ले जाने का भी फैसला किया था।
 

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