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चिनार कॉर्प्स को सलाम, भारी बर्फबारी में 6.5 किमी दूरी तय कर प्रेग्नेंट महिला को पहुंचाया अस्पताल

Updated Jan 09, 2022 | 21:35 IST

भारतीय सेना ना सिर्फ दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देती है बल्कि जरूरत पड़ने पर वो अपना मानवीय चेहरा भी दिखाती है। शोपियां के रामनगरी में भारी बर्फबारी के बीच जवानों ने एक गर्भवती महिला को स्ट्रेचर पर लादकर 6.5 किमी दूरी पैदल तय की और अस्पताल पहुंचाया।

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चिनार कॉर्प्स को सलाम, भारी बर्फबारी में 6.5 किमी दूरी तय कर प्रेग्नेंट महिला को पहुंचाया अस्पताल
मुख्य बातें
  • शोपियां के रामनगरी में चिनार कॉर्प्स ने प्रेग्नेंट महिला की मदद की
  • भारी बर्फबारी में स्ट्रेचर पर महिला को लाद कर 6.5 किमी की दूरी तय कर अस्पताल पहुंचाया
  • कश्मीर इस समय चिल्ला ए कलां की चपेट में

भारतीय सेना को यूं ही दुनिया की पेशेवर फौज नहीं कहा जाता है। जरूरत पड़ने पर भारतीय सेना के जवान दुश्मनों का मुंहतोड़ जवाब देते हैं तो जरूरत पड़ने पर संकट में फंसे नागरिकों की मदद भी करते हैं। कुछ ऐसा ही शोपियां के रामनगरी में दिखाई दिया। चिनार कोर के जवानों ने मदद की गुहार लगाने के बाद एक गर्भवती महिला को भारी बर्फबारी से बचाया। चिनार कॉर्प्स ने ट्वीट किया जिसमें चिनार कोर - ("कश्मीर के प्रहरी") ने जंगल में घने बर्फ पर चलते हुए महिला को स्ट्रेचर पर अस्पताल ले जा रहे थे।

भारी बर्फबारी में गर्भवती महिला को मदद
चाइना कॉर्प्स ने ट्वीट कर जानकारी दी कि एक गर्भवती महिला के लिए तत्काल चिकित्सा सहायता के लिए शोपियां के रामनगरी से चिनार कॉर्प्स को संकटपूर्ण संदेशा आया। संदेश मिलने के बाद  भारी बर्फबारी में राहत टीम ने  महिला को स्ट्रेचर पर लाद कर साढ़े 6 किमी की दूरी तय कर शोपियां के जिला अस्पताल ले गई। महिला ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया।


चिल्ला-ए-कलां की चपेट में कश्मीर
कश्मीर में इस समय भारी बर्फबारी हो रही है। खराब मौसम के कारण शनिवार को श्रीनगर हवाईअड्डे पर उड़ान बाधित हुई। उत्तरी कश्मीर के स्कीइंग रिसॉर्ट गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से 4.6 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि पहलगाम, जो वार्षिक अमरनाथ यात्रा के आधार शिविर के रूप में कार्य करता है, में न्यूनतम तापमान शून्य से 0.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।कश्मीर घाटी वर्तमान में 40 दिनों की कठोर सर्दियों की अवधि की चपेट में है, जिसे "चिल्ला-ए-कलां" के रूप में जाना जाता है, जो 21 दिसंबर को शुरू हुई थी।चिल्ला-ए-कलां एक ऐसा समय है जब एक शीत लहर इस क्षेत्र को पकड़ लेती है और तापमान काफी गिर जाता है, जिससे श्रीनगर में प्रसिद्ध डल झील सहित जल निकायों को ठंड लग जाती है।

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