नई दिल्ली। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना को सरकार बनाने का न्योता दिया है। इस बीच शिवसेना ने केंद्र सरकार से अलग होने का ऐलान भी कर दिया है। लेकिन एनसीपी और कांग्रेस का रुख क्या होगा अभी साफ नहीं है। एनसीपी के कद्दावर नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि सरकार गठन के मुद्दे पर कयासबाजी सही नहीं है।इन सबके बीच कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने अपनी पार्टी पर ही सवाल उठाए हैं।
संजय निरुपम ने कहा कि सवाल यह नहीं है कि महाराष्ट्र में सरकार कैसे और किस तरह से बनती है। राज्य में राजनीतिक अस्थिरता से इनकार नहीं किया जा सकता है। समय से पहले हमें चुनाव के लिए तैयार रहना चाहिए, हो सकता है कि 2020 में चुनाव भी हो। क्या हम शिवसेना के साथ चुनाव में जा सकते हैं। उन्होंने शनिवार को कहा था कि शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी का गठन आत्मघाती कदम होगा।
निरुपम ने कहा कि अल्पकालिक अवधि के लिए हम सरकार तो बना सकते हैं। जनता से कह भी सकते हैं कि राज्य के विकास के लिए इस तरह का कदम जरूरी था। लेकिन वैचारिक स्तर पर जिस पार्टी से हमारा दशकों विरोध रहा है उन सवालों का जवाब चुनावों में कैसे दे सकते हैं। बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है और उसके पाले में 105 विधायक हैं, जबकि शिवसेना के पास 56 विधायक और एनसीपी-कांग्रेस के पास 54 और 44 विधायक हैं। महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल या गठबंधन को 145 विधायकों का समर्थन हासिल होना चाहिए।