- अमित शाह को यह चुनौती स्वीकार करनी चाहिए कि सभी राज्यों में एक भाषा हो- राउत
- राउत बोले- ‘मुझे सदन में जब भी मौका मिलता है, मैं हिंदी में बोलता हूं
- इससे पहले तमिनलाडु के मंत्री ने की थी हिंदी को लेकर विवादित टिप्पणी
मुंबई: शिवसेना नेता संजय राउत ने 'एक देश, एक भाषा' की वकालत करते हुए कहा कि हिंदी पूरे भारत में बोली जाती है और इसकी स्वीकार्यता है। राउत ने कहा कि सभी राज्यों में एक भाषा हो। राउत का बयान अमित शाह के उस बयान के एक महीने बाद आया है जिसमें गृह मंत्री ने कहा था कि हिंदी को अंग्रेजी के विकल्प के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए, न कि स्थानीय भाषाओं के। शाह के इस बयान का दक्षिणी राज्यों के कई प्रमुख राजनीतिक नेताओं ने जोरदार विरोध करते हुए कहा था कि लोगों पर हिंदी थोपना स्वीकार्य नहीं होगा। उन्होंने इसे क्षेत्रीय भाषाओं को कमजोर करने के एजेंडे का हिस्सा भी बताया।
तमिलनाडु के मंत्री ने साधा था निशाना
राउत ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए यह टिप्पणी की। उनकी यह टिप्पणी एक दिन पहले तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री पोनमुडी के एक सवाल के जवाब में थी, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर हिंदी थोपने के किसी भी प्रयास की निंदा की थी और इस दावे पर सवाल उठाते हुए कहा था कि भाषा सीखने से रोजगार मिलेगा। हिंदी सीखने वालों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध होने का दावा करने वालों पर निशाना साधते हुए पोनमुडी ने पूछा था कि अभी कोयंबटूर में ‘पानी पूरी’ कौन लोग बेच रहे हैं। उनका इशारा स्पष्ट रूप से इस कार्य से जुड़े हिंदी भाषी विक्रेताओं की ओर था।
मैं सदन में हिंदी में बोलता हूं- राउत
दरअसल मुंबई में इस साल के अंत में निकाय चुनाव होने की संभावना है जहां देश के उत्तरी क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग रहते हैं। तमिलनाडु के मंत्री की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा कि उनकी पार्टी ने हमेशा हिंदी का सम्मान किया है। उन्होंने कहा, 'जब भी मुझे सदन में अवसर मिलता है, मैं हिंदी में बोलता हूं। क्योंकि देश को सुनना चाहिए कि मैं क्या कहना चाहता हूं, यह देश की भाषा है। हिंदी ही एकमात्र ऐसी भाषा है जिसकी स्वीकार्यता है और पूरे देश में बोली जाती है।'अपनी बात को घर तक पहुंचाने के लिए शिवसेना नेता ने यह भी कहा कि हिंदी फिल्म उद्योग देश और दुनिया में प्रभावशाली है। इसलिए किसी भी भाषा का अपमान नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को यह चुनौती स्वीकार करनी चाहिए कि सभी राज्यों में एक भाषा हो। एक देश, एक संविधान, एक निशान और एक भाषा होनी चाहिए।’ एक सवाल के जवाब में राउत ने कहा कि शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे इकलौते ‘हिंदू हृदय सम्राट थे, हैं और रहेंगे।’