- गत दो जुलाई की आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद से फरार था विकास दुबे
- गुरुवार को मध्य प्रदेश पुलिस ने उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर से उसे गिरफ्तार किया
- उज्जैन से लाते समय यूपी पुलिस की मुठभेड़ में कानपुर में मारा गया दुर्दांत अपराधी
मुंबई : हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद विपक्ष के निशाने पर आई यूपी सरकार को शिवसेना ने राहत दी है। शिवसेना ने योगी सरकार का समर्थन करते हुए कहा कि किसी कुख्यात अपराधी के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद पुलिस से कोई सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए। शिवसेना नेता संजय राउत ने शुक्रवार को कहा, 'विकास दुबे के एनकाउंटर पर किसी को सवाल खड़ा नहीं करना चाहिए। हालांकि जिस तरह से इसे अंजाम दिया गया है उस पर सवाल हो सकते हैं। लेकिन ऐसे राज्य में जहां आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई हो वहां ऐसे मुठभेड़ों पर सवाल खड़ा नहीं करना चाहिए। ऐसा नहीं है कि इस तरह का एनकाउंटर पहली बार हुआ है।'
सजंय राउत ने कहा-पहले भी हुए हैं ऐसे मुठभेड़
शिवसेना का यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कानून-व्यवस्था को लेकर ये दोनों सरकारें एक-दूसरे पर निशाना साध चुकी हैं। दूसरी बात महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार है और इस गठबंधन सरकार में कांग्रेस शामिल है। इस एनकाउंटर को लेकर कांग्रेस के सुर अलग हैं। उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर कांग्रेस ने योगी सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब हो गई है। उन्होंने कहा, 'राजनीति एवं अपराध के गठजोड़ का विकास दुबे का एक छोटा हिस्सा मात्र था। क्या राज्य सरकार इस गठजोड़ को उजागर कर उसे खत्म करेगी?'
प्रियंका गांधी ने खड़े किए सवाल
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि 'अपराधी का खात्म हो गया लेकिन उसके मददगारों का क्या?' जाहिर है कि प्रियंका ने विकास दुबे को अब तक मदद पहुंचाने वाले लोगों पर सवाल खड़े किए हैं। अपने एक ट्वीट में कांग्रेस महासचिव ने कहा, 'उप्र की कानून-व्यवस्था बदतर हो चुकी है। राजनेता-अपराधी गठजोड़ प्रदेश पर हावी है। कानपुर कांड में इस गठजोड़ की सांठगांठ खुलकर सामने आई। कौन-कौन लोग इस तरह के अपराधी की परवरिश में शामिल हैं- ये सच सामने आना चाहिए।'
गुरुवार को उज्जैन में गिरफ्तार हुआ विकास
बता दें कि विकास को मध्य प्रदेश की पुलिस ने गुरुवार सुबह उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया। इसके बाद हिस्ट्रीशीटर को वापस लाने के लिए यूपी पुलिस की एक टीम उज्जैन के लिए रवाना हुई। वहां यूपी एटीएस की पूछताछ में विकास ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए। पुलिस सूत्रों के मुताबिक विकास ने पुलिस को बताया कि दो जुलाई को बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद वह शवों को जलाना चाहता था लेकिन इसके लिए उसे समय नहीं मिला। उसे शवों को छोड़कर भागना पड़ा।
कानपुर में हुई मुठभेड़
यूपी पुलिस का कहना है कि जब वह विकास को लेकर आ रही थी तो कानपुर के पास उसके काफिले का एक वाहन पलट गया। इस वाहन में विकास और अन्य पुलिसकर्मी सवार थे। वाहन पलटने से उसमें सवार पुलिसकर्मी घायल हो गए। मौका पाकर विकास ने एक पुलिसकर्मी की पिस्टल छीन ली और वहां से फरार होने लगा। पुलिस ने विकास को भागने से रोका लेकिन उसने फायरिंग करनी शुरू कर दी। इसके बाद पुलिस ने आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई की जिसमें वह घायल हो गया। घायल अवस्था में उसे अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।