- सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त पैनल में शामिल दो सदस्यों ने अपनी रिपोर्ट में पर्यावरण चिंताओं का हवाला दिया
- पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को सौंपी गई रिपोर्ट में दोनों सदस्यों की राय शामिल की गई है
- इस पैनल के ज्यादातर 21 सदस्यों ने सड़क को 10 मीटर चौड़ा करने के पक्ष में अपनी राय दी है
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट को ओर से नियुक्त पैनल के दो सदस्यों ने चारधाम सड़क परियोजना पर गंभीर चिंता जताई है। इन दो सदस्यों ने सड़क चौड़ा करने वाले इस प्रोजेक्ट को 'हिमालयन ब्लंडर' करार दिया है। इस प्रोजेक्ट के तहत 900 किलोमीटर लंबे सड़क को 10 मीटर चौड़ा किया जाना है। इन दो सदस्यों के 'विचार' को पैनल की मुख्य रिपोर्ट में शामिल किया गया है। पैनल के चेयरमैन एवं पर्यावरणविद रवि चोपड़ा ने इस रिपोर्ट को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) को सौंप दिया है।
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक पैनल में शामिल दो सदस्यों हेमंत ध्यानी एवं नवीन जुयाल ने पर्यावरण संबंधी चिंताएं जाहिर करते हुए अपनी राय दी है। इन दो सदस्यों ने 900 किलोमीटर लंबी सड़क को 53 छोटे प्रोजेक्ट में बांटने के फैसले पर चिंता जताई है। एमओईएफसीसी के नियमों के मुताबिक किसी भी 100 किलोमीटर ले ज्यादा के लीनियर प्रोजेक्ट को पर्वावरण प्रभाव आकलन से गुजरना जरूरी होता है। चार धाम परियोजना में ईआईए से बचने के लिए प्रत्येक फैलाव को 100 किलोमीटर से कम रखा गया है।
पैनल में शामिल चेयरमैन रवि चोपड़ा सहित समूह के पांच सदस्यों ने सड़क के चौड़ाईकरण का विरोध किया है जबकि पैनल के ज्यादातर 21 सदस्यों ने सड़क को 10 मीटर चौड़ा करने के पक्ष में अपनी राय दी है। 21 सदस्यीय इस समूह ने अपनी 'फाइनल रिपोर्ट' मंत्रालय को सौंपी है। इस रिपोर्ट में पर्यावरण को नुकसान से बचाने के लिए कुछ उपाय भी सुझाए हैं।