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Maharashtra Crisis: सिब्बल बोले-40 लोग खुद को पार्टी नहीं बता सकते, SC ने पूछा-MLA यदि सीएम के साथ आने को राजी नहीं तो क्या करें

Updated Jul 20, 2022 | 12:31 IST

Maharashtra Crisis hearing in SC: अपनी दलील में कांग्रेस के पूर्व नेता ने कहा कि महाराष्ट्र के इस मौजूदा सरकार के स्वरूप को यदि अनुमति दी जाती है तो देश में चुनी हुई हर एक सरकार को गिराया जा सकता है। 10वीं अनुसूची में दिए गए प्रतिबंधों के बावजूद यदि सरकार गिरा दी जाती है तो इसे लोकतंत्र पर खतरा माना जाएगा।

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महाराष्ट्र संकट पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई।
मुख्य बातें
  • महाराष्ट्र संकट मामले पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को हुई सुनवाई
  • उद्धव गुट का पक्ष कपिल सिब्बल और शिंदे गुट का पक्ष साल्वे ने रखा
  • मामले की अगली सुनवाई अब एक अगस्त को होगी, सभी पक्षों को नोटिस

Maharashtra Crisis hearing in SC: महाराष्ट्र के उद्धव ठाकरे-एकनाथ शिंदे विवाद पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। उद्धव और शिंदे गुट के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि वह इस मसले पर अगली सुनवाई एक अगस्त को करेगा। साथ ही अदालत ने सभी पक्षों से अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। उद्धव गुट का पक्ष रखते हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि 40 लोग ये नहीं कह सकते कि वे पार्टी हैं। इस पर कोर्ट ने पूछा कि अगर विधायक मुख्यमंत्री के साथ रहने के लिए तैयार न हों तो क्या किया जाना चाहिए। 

शिंदे गुट की पैरवी करते हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि अयोग्यता का मामला शिंदे गुट पर लागू नहीं होता और जिनके पास 20 विधायक भी न हों, वह मुख्यमंत्री कैसे रह सकता है।

...तो चुनी हुई हर सरकार को गिराया जा सकता है-सिब्बल
अपनी दलील में कांग्रेस के पूर्व नेता ने कहा कि महाराष्ट्र के इस मौजूदा सरकार के स्वरूप को यदि अनुमति दी जाती है तो देश में चुनी हुई हर एक सरकार को गिराया जा सकता है। 10वीं अनुसूची में दिए गए प्रतिबंधों के बावजूद यदि सरकार गिरा दी जाती है तो इससे लोकतंत्र पर खतरा माना जाएगा। सीजेआई एनवी रमण ने पूछा कि महाराष्ट्र का यह पूरा मामले सुप्रीम कोर्ट में कैसे आया। इसे पहले हाई कोर्ट में सुना जाना चाहिए था। 

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साल्वे ने जवाब देने के लिए कोर्ट से वक्त मांगा
शीर्ष अदालत में उद्धव गुट का पक्ष रखते हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि महाराष्ट्र में लोकतंत्र खतरे में है। यहां राज्य के लोकतांत्रिक ढांचे का मजाक उड़ाया गया। सिब्बल ने पूछा कि क्या ऐसे ही एक चुनी हुई सरकार गिराई जाती है। साल्वे ने कहा कि अपनी आवाज उठाना अयोग्यता के दायरे में नहीं आता। हमें जवाब देने का समय मिलना चाहिए। साल्वे ने कहा कि इस मामले की सुनवाई एक अगस्त को करने की अपील की। इस पर सिब्बल ने कहा कि यह समय ज्यादा हो जाएगा। केस की सुनवाई अगले मंगलवार को हो सकती है। 

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