Bhima-Koregaon Case : भीमा-कोरेगांव मामले में आरोपी वरवरा राव को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने बुधवार को मेडिकल ग्राउंड पर राव को जमानत दी। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि राव को यह जमानत पूरी तरह से मेडिकल ग्राउंड पर दी जा रही है और उसके इस आदेश का असर मामले में अन्य आरोपियों पर नहीं होगा। कोर्ट ने कहा कि राव अपनी पसंद के अस्पताल में इलाज कराने के लिए स्वतंत्र हैं। हालांकि, उन्हें अपने इलाज के बारे में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को बताते रहना होगा।
कोर्ट ने शर्तों के साथ दी है जमानत
राव को जमानत देते हुए कोर्ट ने कुछ शर्तें लगाई हैं। कोर्ट ने कहा है कि निचली अदालत की इजाजत के बिना राव उसका क्षेत्राधिकार छोड़कर नहीं जाएंगे। साथ ही इलाज के लिए अपनी इस जमानत का वह न तो दुरुपयोग करेंगे और न ही मामले में किसी गवाह के साथ संपर्क करेंगे। बता दें कि एक्टिविस्ट एवं कवि डॉ. पी वरवरा राव 2018 के भीमा कोरेगांव केस में आरोपी हैं। राव पर हिंसा की साजिश रचने का आरोप है। पुलिस का कहना है कि इस कार्यक्रम का आयोजन करने वाले लोगों के माओवादियों से संबंध हैं।
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राव पर यूएपीए के तहत केस दर्ज है
राव को 28 अगस्त 2018 को हैदराबाद स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था। पुणे पुलिस ने आठ जनवरी 2018 को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं तथा गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। उन पर यूएपीए के तहत केस दर्ज है। राव पर आरोप है कि 31 दिसंबर 2017 को भीमा-कोरेगांव में लोगों ने जो हिंसा की, उसके पीछे राव के भाषणों की भी भूमिका रही। राव की तरफ से पहले भी जमानत अर्जी लगाई जाती रही है लेकिन कोर्ट से उन्हें राहत नहीं मिली। अब चिकित्सा के आधार पर अदालत से उन्हें जमानत मिली है। मूल से कवि राव ने कई किताबें लिखी हैं और अनुवाद किया है। इनकी कविताओं का अनुवाद कई भाषाओं में हुआ है।