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यमन में सात भारतीय नाविक रिहा, 3 महीने पहले विद्रोहियों ने बनाया था बंदी

Updated Apr 25, 2022 | 07:09 IST

India Sailors Yaman: यमन में हाउती विद्रोहियों के कब्जे में कैद 7 भारतीय नाविक रिहा हो गए है। इन्हें 3 महीने पहले यूएई के एक जहाज से कब्जे में लिया गया था।

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सांकेतिक फोटो: 7 भारतीय नाविक रिहा
मुख्य बातें
  • तीन महीने पहले हाउती विद्रोहियों ने संयुक्त अरब अमीरात के एक व्यापारी जहाज को जब्त कर लिया था।
  • जिसमें  भारतीय नाविकों और विभिन्न देशों के कम से 14 लोग सवार थे। 
  •  यमन में पिछले 8 सालों से गृह युद्ध चल रहा है।

ओमान: 3 महीने से विद्रोहियों के कब्जे में बंद 7 भारतीय नाविक रिहा हो गए हैं। इस बात की पुष्टि ओमान के  विदेश मंत्री बद्र अलबुसैदी ने दी है। इन नाविकों को रविवार को 14 विदेशियों के साथ रिहा किया गया है। इन सभी को यमन की राजाधानी सना में रिहा किया गया है। भारतीय नाविकों और विभिन्न देशों के कम से कम सात अन्य लोगों को यमन के हाउती विद्रोहियों द्वारा बंदी बना लिया गया था।

UAE के जहाज में थे सवार

तीन महीने पहले हाउती विद्रोहियों ने संयुक्त अरब अमीरात के एक व्यापारी जहाज को जब्त कर लिया था। जिसमें  भारतीय नाविकों और विभिन्न देशों के कम से कम सात अन्य लोग सवार थे। यह क्षेत्र हाउती विद्रोहियों के नियंत्रण में है। ओमान के  विदेश मंत्री बद्र अलबुसैदी ने सभी 14 लोगों के रिहान होने की पुष्टि की है। सभी 14 लोगों को ओमान रॉयल एयर फ़ोर्स के विमान से मस्कट ले जाया गया।

रिहा होने वाले ंमें ये भारतीय शामिल

ओमान के विदेश मंत्री ने ट्वीट कर लिखा है कि, "यह पुष्टि करते हुए खुशी हो रही है कि कैप्टन कार्लोस डेमाटा, मोहम्मद जशीम खान, अयानाचेव मेकोनेन, दीपाश मुता परम्बिल, अखिल रेघु, सूर्य हिदायत परमा, श्रीजीत सजीवन, मोहम्मद मुनवर समीर, संदीप सिंह, ल्यूक साइमन और उनकी पत्नी और बच्चे, मौंग थान और वीरा वीएसएसजी वासमसेट्टी को आज यमन में हिरासत से रिहा कर दिया गया है।" वहीं अलबुसैदी के ट्वीट का परभारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मामले में ओमान की मदद के लिए उनका शुक्रिया अदा किया। जयशंकर ने ट्वीट किया, "आपकी मदद और सहायता के लिए शुक्रिया मेरे दोस्त बद्र अलबुसैदी। भारतीयों की सुरक्षित घर वापसी का इंतजार है।”

कौन हाउती विद्रोही

 यमन में पिछले 8 सालों से गृह युद्ध चल रहा है। इस युद्ध की शुरुआत तब हुई थी जब  हाउती विद्रोहियों ने यमन की राजधानी सना पर कब्जा कर लिया था। 1990 के दशक में हुसैन बदरद्दीन अल हाउती संगठन को स्थापित किया है जिसका ताल्लुक यमन के शिया बहुल समुदाय से है। हाउती विद्रोहियों का उत्तर यमन पर कब्जा है, जबकि उनके विरोधियों का बाकी यमन पर कब्जा है। जिन्हें सऊदी अरब का समर्थन है। इसीलिए हाउती विद्रोहियों ने सऊदी अरब के जहाज को कब्जे में लिया था।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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