- अब पीडीएस की दर पर गेंहू और चावल की खरीद कर सकेंगे एसजीपीसी और डीएसजीएमसी
- पीडीएस की दर पर खरीद की अनुमति देने के लिए हरसिमरत कौर ने पीएम को धन्यवाद दिया
- कोरोना के प्रकोप से प्रभावित लाखों लोगों को रोजाना खाना खिला रहा एसजीपीसी
नई दिल्ली : केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने सोमवार को कहा कि कोरोना संकट से प्रभावित गरीबों को खाना खिलाने के लिए केंद्र सरकार ने पीडीएस की दर पर चावल और गेहूं की खरीद करने की अनुमति शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) और दिल्ली शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) को दी है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इससे लाखों गरीब परिवारों को भोजन उपलब्ध कराया जा सकेगा। कौर ने एसजीपीसी और डीएसजीएमसी को पीडीएस की दर पर चावल एवं गेहूं खरीदने की अनुमति देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद कहा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'देश में लॉकडाउन लागू होने के बाद से मजदूर एवं दिहाड़ी मजदूरों के सामने अपने परिवार का भरण पोषण करना एक चुनौती बन गया है। दिल्ली और पंजाब की सरकारों ने इन गरीबों को संकट से उबारने में तत्परता नहीं दिखाई। डीएसजीएमसी और एसजीपीसी ने दिल्ली और पंजाब में लाखों लोगों को खाना खिलाने का काम किया है। पंजाब में गरीब बुरी हालत में हैं। इन सब तक खाना पहुंचाकर एसजीपीजी ने बहुत बड़ा काम किया है। इसी तरह दिल्ली में शीशगंज साहिब में डीजीएमसी ने चांदनी चौक में करीब एक लाख गरीबों को खाना खिलाने का काम किया है। एसजीपीसी रोजना पांच लाख गरीबों का खाना खिला रही है।'
रोजाना 40 हजार से ज्यादा लोगों को खाना खिला रही डीएसजीएमसी
दिल्ली में भूखे और गरीब लोगों को राहत पहुंचाने के लिए डीएसजीएमसी आगे आया है। वह रोजाना 40 हजार से ज्यादा गरीब और जरूरतमंद लोगों को खाना खिला रहा है। गुरुद्वारा बंगला साहिब में बनाए गए अपने किचन से डीएसजीएमसी हजारों लोगों के लिए खाना तैयार कर रहा है। समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में लंगर के प्रभारी हरबीर सिंह ने कहा, 'हम अपने किचन से रोजाना 40 हजार से ज्यादा लोगों को भोजन उपलब्ध करा रहे हैं।'
उन्होंने बताया कि खाना तैयार करते समय सोशल डिस्टेंसिंग को अपनाया जा रहा है। किचन में काम करने वाले लोगों को सेनिटाइज करने के बाद ही किचन में प्रवेश दिया जाता है।
कोरोना वायरस की चपेट में हैं दिल्ली और पंजाब
बता दें कि पंजाब कोरोना वायरस की चपेट में है। यहां अब तक संक्रमण के 76 मामले सामने आ चुके हैं जबकि 6 लोगों की मौत हुई है। यहां इस महामारी से चार लोगों को ठीक भी किया जा चुका है। जबकि दिल्ली में संक्रमण की संख्या बढ़कर 523 हो गई है। यहां इस महामारी से अब तक सात लोगों की जान गई है जबकि 19 लोगों को उपचार के बाद ठीक किया गया है।