- नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शाहीन बाग में पिछले 58 दिन से प्रदर्शन जारी
- रविवार को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे प्रदर्शनकारी
- Times Now Summit में गृहमंत्री बोले थे कि बातचीत करने वालों को तीन दिन के भीतर दूंगा समय
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में दिसंबर में कुछ महिलाएं दिल्ली की शाहीन बाग में धरने पर बैठीं और वो धरना पिछले 58 दिन से जारी है। लेकिन ऐसा लग रहा है कि शाहीन बाग का मूड बदल रहा है। सवाल है आखिर ऐसा क्या हुआ। शाहीन बाग में धरने पर बैठी महिलाएं कहा करती थीं कि सरकार का कोई भी नुमाइंदा उनसे मिलने नहीं आया। सरकार आखिर बातचीत क्यों नहीं करना चाहती है। इसके अलावा कई किस्म के आरोप लगे।
शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी बातचीत के लिए तैयार
इन सबके बीच Times Now Summit 2020 में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था सीएए, एनपीआर और एनआरसी पर अगर किसी को शक है तो वो बातचीत के लिए तैयार है। कोई भी संगठन अगर उनके दफ्तर से संपर्क करता है तो तीन दिन के भीतर मिलने का समय दिया जाएगा। लेकिन हकीकत यह है कि कोई बातचीत नहीं करना चाहता है। उन्होंने कहा था कि अगर आप सीएए, एनपीआर या एनआरसी को देखें तो यह सभी कवायद बीजेपी की सरकार ने नहीं शुरू की । सवाल यह है कि जब इस तरह के फैसले पहले लेना जरूरी था तो आखिर देरी क्यों की गई।
शाहीन बाग क्या सिर्फ सियासत का केंद्र
जानकार कहते हैं कि गृहमंत्री की अपील के बाद सीएए, एनपीआर का विरोध करने वालों के पास नैतिक तौर पर यह विकल्प उपलब्ध नहीं था कि वो बातचीत न करे। अगर वो बातचीत नहीं करते हैं तो यह संदेश जाएगा कि जब सरकार की तरफ से साफ तौर मुलाकात करने की बात कही गई है तो विरोध करने वाले अब अड़ियल रवैया क्यों अपना रहे हैं। जानकार यह भी कहते हैं कि शाहीन बाग में विरोध पर बैठे लोगों को लगता है कि यह एक तरह का सरकारी ट्रैप है।लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि जब सरकार की तरफ से खुद गृहमंत्री अपील कर रहे हैं तो उन्हें बातचीत के लिए आगे आना चाहिए।
दिल्ली चुनाव के दौरान शाहीन बाग पर खूब हुई सियासत
दिल्ली चुनाव के दौरान बीजेपी ने शाहीन बाग के मुद्दे को उठाया और उसके नेता कहा करते थे कि एक ऐसे विषय पर धरने पर लोग बैठे हैं जिसका कोई अर्थ नहीं है। इसके साथ ही शाहीन बाग को शर्म बाग, संस्कारहीन बाग जैसे नाम दिए गए। एक केंद्रीय मंत्री ने तो यहां तक कह दिया कि देश के गद्दारों को..गोली मारो...यही नहीं एक सांसद ने कहा कि अगर दिल्ली की सत्ता पर बीजेपी काबिज नहीं हुई तो शाहीन बाग में जो लोग बैठे हुए हैं तो बहू और बेटियों को अपना शिकार बनाएंगे।