- संसद में लगातार हंगामे से व्यथित दिखे कांग्रेस सांसद शशि थरूर
- थरूर बोले- सदन में व्यवधान डालने की बजाय बहस करनी चाहिए
- अपने बयान को लेकर थरूर ने कहा पार्टी मेरे विचार से वाकिफ है
नई दिल्ली: ससंद के हंगामेदार शीतकालीन सत्र की समाप्ति के बीच बुधवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने सदन की कार्यवाही में व्यवधान नहीं डालने की वकालत करते हुए कहा कि कुछ हद तक विपक्ष 'खुद के हाशिये पर जाने के लिए स्वयं जिम्मेदार है।' हालांकि, उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कई बार मुद्दे उठाने की अनुमति नहीं मिलने से निराशा का सामना करना पड़ता है।
बहस का मंच बने संसद
थरूर ने कहा कि उनकी पार्टी उनके इस विचार से वाकिफ है कि 'हमें व्यवधान पैदा नहीं करना चाहिए बल्कि संसद का उपयोग बहस के मंच के तौर पर करना चाहिए।'राहुल गांधी की ओर निशाना साधते हुए यहां एक कार्यक्रम के दौरान थरूर से पूछा गया कि क्या पार्टी का एक चुना हुआ नेता होना चाहिए और ऐसा नहीं जोकि परिवार के चलते पद पर हो।
कही ये बात
इस पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, 'साफ तौर पर कहूं तो जो लोग परिवार के कारण हैं, वे चुने भी जा सकते हैं। यद्यपि, इस बात को लेकर बेहद कम संशय है कि अगर राहुल गांधी चुनाव लड़ने के इच्छुक हों तो वे कांग्रेस में किसी भी अन्य के मुकाबले चुने जाएंगे क्योंकि पार्टी के मतदाताओं में दशकों से गांधी-नेहरू परिवार के प्रति निष्ठा की भावना है, जिसे आसानी से दूर नहीं किया जा सकता है।' थरूर ने अपनी हालिया किताब ''प्राइड, प्रेजुडिस एंड पंडित्री'' पर चर्चा के दौरान उक्त टिप्पणी की।
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