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Shepao Mountain Tops: एकाएक चर्चा में आया शेपाओ माउंटेन टॉप्स, इस जगह पर ही भारत-चीन के बीच हुई फायरिंग

Updated Sep 08, 2020 | 11:51 IST

पैंगोंग लेक के दक्षिणी किनारे स्थित ब्लैक टॉप पर भारतीय कब्जे के बाद चीन परेशान है। सोमवार की राक शेपाओ माउंटेन टॉप्स पर चीन की तरफ से फायरिंग की गई।

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लद्दाख के पूर्वी सेक्टर में भारत चीन के बीच जबरदस्त तनाव( प्रतीकात्मक तस्वीर)
मुख्य बातें
  • शेपाओ माउंटेन टॉप्स पर चीनी सैनिकों और भारतीय जवानों के बीच हुई फायरिंग
  • चीन ने भारतीय जवानों पर गोली चलाने का आरोप लगाया
  • चीन के आरोपों से भारत का इनकार

नई दिल्ली। लद्दाख के पूर्वी सेक्टर में पैंगोंग लेक के आसपास माहौल गरम है। चीन को इस बात की उम्मीद नहीं थी कि 29-30 अगस्त की रात उसकी घुसपैठ की कोशिश का न केवल भारत करारा जवाब देगा बल्कि सामरिक तौर पर महत्वपूर्ण ब्लैक टॉप को अपने कब्जे में ले लेगा। ब्लैक टॉप पर भारतीय कब्जे का अर्थ है कि ऊंचाई के मामले अब भारत चीन के बराबर हो गया है और इसकी वजह से चीन की तरफ से कभी बयानबाजी तो कभी उकसाने वाली कार्रवाई की जा रही है। बीती रात एलएसी के पास फायरिंग हुई और इसे लेकर चीन भारत पर आरोप लगा रहा है, हालांकि भारतीय पक्ष ने साफ कर दिया है उसकी तरफ से फायरिंग नहीं हुई थी बल्कि भड़काने वाली कार्रवाई चीन की तरफ से की गई। जिस जगह पर यह वारदात हुई उसे शेपाओ माउंटेन टॉप्स कहा जाता है। 

शेपाओ माउंटेन टॉप्स पर हुई थी गोलीबारी
फायरिंग की ये घटना पैंगोंग झील के दक्षिणी हिस्से में स्थित शेपाओ माउंटेन टॉप्स पर हुई। सामरिक तौर पर भारत इस इलाके में मजबूत हुआ है और चीन को यह तस्वीर खटक रही है कि आखिर ऐसे कैसे संभव हुआ। भारत की तरफ से चीन को चेतावनी दी गई और अपनी पोस्ट की तरफ आते चीनी सैनिकों को तुरंत रोका गया। भारतीय सैनिकों ने चेतावनी के साथ  गोलियां चलाईं। इस तरह के प्रतिवाद का यकीन चीन को नहीं था और चीनी सैनिकों के कदम वहीं थम गए।

चीन की बौखलाहट की वजह ब्लैक टॉप
ब्लैक टॉप  और हेलमेट टोप पर भारतीय कब्जे के बाद इस तरह की आशंका थी कि चीन की तरफ किसी न किसी तरह उकसाने वाली कार्रवाई की जाएगी। चीनी मंसूबों को परखते हुए भारतीय फौज अलर्ट पर थी। चीनी सेना इस दफा दोनों चोटियों की तरफ बढ़ने की कोशिश कर रही थी। दरअसल चीन को लगता है कि अगर ब्लैक टॉप को खाली कराने में वो नाकाम होते हैं तो उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। इसलिए उनकी तरफ से इस तरह की कोशिश आगे भी होगी। शेपाओ माउंटेन टॉप्स पर एक दूसरे से टकराना बड़ी घटना है क्योंकि एलएसी पर 1975 यानि करीब 45 साल के बाग पहली बार फायरिंग हुई है। 

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