- शिक्षक पर्व के पहले सम्मेलन को पीएम मोदी ने किया संबोधित
- इस दौरान पीएम मोदी ने किया कई महत्वपूर्ण पहलों का शुभारंभ
- एजुकेशन न केवल Inclusive होनी चाहिए बल्कि equitable भी होनी चाहिए- पीएम मोदी
नई दिल्ली: Shiksha Parv 2021: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिक्षक पर्व के उद्घाटन सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। इश अपने संबोधन से पहले पीएम ने कई शिक्षा से जुड़ी पहलों का उद्धाटन किया। संबोधन की शुरूआत में पीएम मोदी ने राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा, 'आप सभी ने कठिन समय में देश में शिक्षा के लिए, विद्यार्थियों के भविष्य के लिए जो एकनिष्ठ प्रयास किया है, वो अतुलनीय है, सराहनीय है।' इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, 'आज जो योजनाएं शुरू हो रही है वो भविष्य के भारत को आकार देने में अहम भूमिका निभाएंगी। आज विद्याजंली, 2.0 जैसी कई योजनाएं शुरू की गई हैं।' जानिए और क्या कहा पीएम मोदी ने-
ऐसा है ‘निष्ठा’ ट्रेनिंग प्रोग्राम्स
प्रधानमंत्री ने कहा, 'निपुण भारत अभियान में तीन वर्ष से आठ वर्ष तक के बच्चों के लिए foundational literacy and numeracy mission लांच किया गया है। तीन वर्ष की उम्र से ही सभी बच्चे अनिवार्यता प्री स्कूल शिक्षा प्राप्त करें इस दिशा में जरूरी कदम उठाए जाएंगे। तेजी से बदलते इस दौर में हमारे शिक्षकों को भी नई व्यवस्थाओं और तकनीकों के बारे में तेजी से सीखना होता है। ‘निष्ठा’ ट्रेनिंग प्रोग्राम्स के जरिए देश अपने टीचर्स को इन्हीं बदलावों के लिए तैयार कर रहा है।'
पीएम ने बताया कैसी हो शिक्षा
आज विद्यांजली 2.0, निष्ठा 3.0, टॉकिंग बुक्स और यूएलडी बेस आईएसएल डिक्शनरी जैसे नए कार्यक्रम और व्यवस्थाएं लॉन्च की गई हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि यह हमारे शिक्षा व्यवस्था को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगी। अब समय है कि हम अपनी क्षमताओं को आगे बढ़ाएं। हमने कोरोना काल के मुश्किल समय में जो कुछ सीखा है उसे एक नई दिशा दें। आज एक ओर देश के पास बदलाव का वातावरण है तो साथ ही नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति जैसी आधुनिक पॉलिसी भी है। आप सभी इस बात से परिचित हैं कि किसी भी देश की प्रगति के लिए एजुकेशन न केवल Inclusive होनी चाहिए बल्कि equitable भी होनी चाहिए। इसीलिए, आज देश Talking बुक्स और Audio बुक्स जैसी तकनीक को शिक्षा का हिस्सा बना रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, 'अभी हाल ही में संपन्न हुए टोक्यो ओलंपिक और पैरालंपिक में हमारे खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया। मैंने अपने खिलाड़ियों से अनुरोध किया है कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर हर खिलाड़ी कम से कम 75 स्कूलों में जाएं।'
सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, 'आज एक ओर देश के पास बदलाव का वातावरण है, तो साथ ही नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति जैसी आधुनिक और भविष्य की नीति भी है। इसलिए पिछले कुछ समय से देश लगातार एजुकेशन सेक्टर में एक के बाद एक नए निर्णय ले रहा है, एक बड़ा बदलाव होते देख रहा है। देश ने ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के साथ ‘सबका प्रयास’ का जो संकल्प लिया है, ‘विद्यांजलि 2.0’ उसके लिए एक जीवंत platform की तरह है। जब समाज मिलकर कुछ करता है, तो इच्छित परिणाम अवश्य मिलते हैं। और आपने ये देखा है कि बीते कुछ वर्ष में जनभागीदारी अब फिर भारत का नेशनल कैरेक्टर बनता जा रहा है: पीएम मोदी
किया कई योजनाओ का आरंभ
प्रधानमंत्री ने कई योजनाओं का आरंभ करते हुए कहा, 'आज शिक्षक पर्व पर विद्यांजलि 2.0, निष्ठा 3.0 जैसी अनेक नई परियोजनाओं का शुभारंभ हुआ है। ये पहल इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि देश अभी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। आज जो योजनाएं शुरु हुई हैं, वो भविष्य के भारत को आकार देने में अहम भूमिका निभाएंगी।'
इस बार की थीम
‘शिक्षक पर्व-2021’ का विषय 'गुणवत्ता और सतत विद्यालय: भारत में विद्यालयों से ज्ञान प्राप्ति' (Quality and Sustainable Schools: Learnings from Schools in India) है। यह सम्मलेन न केवल सभी स्तरों पर शिक्षा की निरंतरता सुनिश्चित करने, बल्कि देश भर के स्कूलों में गुणवत्ता, समावेशी प्रथाओं और स्थायित्व में सुधार के लिए नवीन तौर-तरीकों को प्रोत्साहित करेगा।