- एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र में बहुमत साबित कर दिया है।
- बागी विधायकों पर 11 जुलाई को कोर्ट का फैसला आ सकता है।
- उद्दव और शिंंदे गुट असली शिव सेना होने का दावा कर रहे हैं।
Maharashtra Politics:महाराष्ट्र में शिव सेना के विधायकों को तोड़ने के बाद एकनाथ शिंदे गुट ने बड़ा दावा किया है। गुट के विधायक ने कहा है कि शिव सेना के 18 में से 12 सांसदों का उनके पास समर्थन है। और जल्द ही वह हमारे साथ जुड़ जाएंगे। विधायक के दावे को इसलिए भी बल मिल रहा है क्योंकि शिव सेना के एक सांसद ने उद्धव ठाकरे से यह अपील की है कि वह राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए एनडीए की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करें। अगर शिंदे गुट के एमएलए का दावा सही है तो फिर दो तिहाई विधायक तोड़ने के बाद, शिव सेना से दो तिहाई सांसद भी उद्धव ठाकरे के खिलाफ हो जाएंगे। ऐसे में उनके लिए अपनी पार्टी को बचाना बेहद मुश्किल हो जाएगा।
क्या है दावा
जलगांव जिले में अपने निर्वाचन क्षेत्र में पत्रकारों से बात करते हुए, शिंदे गुट के विधायर गुलाबराव पाटिल ने कहा कि शिंदे गुट पार्टी ही शिव सेना के सम्मान को फिर से बहाल करेगा। हमारे साथ 55 में से 40 विधायक हैं, और 18 में से 12 सांसद हमारे साथ आ रहे हैं। तो पार्टी किसकी है? मैं व्यक्तिगत रूप से चार सांसदों से मिला हूं। हमारे साथ 22 पूर्व विधायक भी हैं। ऐसे में शिव सेना हमारी ही होगी।
इसके पहले शिव सेना सांसद राहुल सेवाले ने उद्धव ठाकरे से यह अपील की है कि वह राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए एनडीए की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करें। इस समय शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट के समर्थक अपने गुट को असली शिव सेना होने का दावा कर रहे हैं।
महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने बताया-आखिर BJP ने उनका समर्थन क्यों किया
दल बदल से बचने के लिए दो तिहाई संख्या जरूरी
जिस तरह विधानसभा में शिंदे गुट को दल-बदल से बचने के लिए दो तिहाई विधायकों यानी 39 विधायकों की जरूरत थी, उसी तरह संसद में भी अगर लोक सभा सांसद उद्धव ठाकरे खिलाफ होते हैं, तो उन्होंने कम से कम 12 सांसदों के बगावत की जरूरत पड़ेगी। इसके बाद ही वह दल बदल कानून से बच पाएंगे। अब देखना यह है कि शिंदे गुट का दावा कितना सही है।