- राउत ने सवाल करते हुए लिखा है की आखिर एक एपीआई लेवल के अधिकारी सचिन वझे को इतने अधिकार किसने दिए
- देशमुख पर हमला बोलते हुए कहा कि अनिल देशमुख को गृह मंत्री का पद दुर्घटनावश मिल गया
- परमबीर सिंह ने गृह मंत्री अनिल देशमुख पर अवैध उगाही का सनसनीखेज आरोप लगाया था
महाराष्ट्र में निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे (Sachin Vaje) को लेकर राजनीतिक बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। जहां इस मामले को लेकर विपक्ष हमलावर हो गया है वहीं अब शिवसेना ने भी महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।
सामना (Saamana)के अपने साप्ताहिक कॉलम रोकठोक में शिवसेना नेता संजय राउत ने सवाल करते हुए लिखा है की आखिर एक एपीआई लेवल के अधिकारी सचिन वझे को इतने अधिकार किसने दिए, यही जांच का विषय है।
शिवसेना के मुखपत्र सामना में कहा गया है कि सचिन वझे वसूली रहा था और राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख को इसकी जानकारी नहीं थी? मुखपत्र में आगे लिखा गया है कि देशमुख को गृहमंत्री का पद दुर्घटनावश मिल गया। आगे लिखा गया है कि आखिर एपीआई स्तर के अधिकारी सचिन वझे को इतने अधिकार किसने दिए? पुलिस आयुक्त, गृह मंत्री, मंत्रिमंडल के प्रमुख लोगों का दुलारा व विश्वासपात्र रहा सचिन वाजे महज एक सहायक पुलिस निरीक्षक था लेकिन उसे सरकार में असीमित अधिकार किसके आदेश पर दिया गया।
राउत का वार कहा- देशमुख को गृह मंत्री का पद दुर्घटनावश मिल गया
शिवसेना सांसद ने सामना में देशमुख पर हमला बोलते हुए कहा कि अनिल देशमुख को गृह मंत्री का पद दुर्घटनावश मिल गया, जयंत पाटील, दिलीप वलसे ने गृहमंत्री का पद स्वीकार करने से मना कर दिया था, तब यह पद शरद पवार ने देशमुख को सौंपा, संदिग्ध व्यक्ति के घेरे में रहकर राज्य के गृहमंत्री पद पर बैठा कोई भी व्यक्ति काम नहीं कर सकता है।
गौर हो कि परमबीर सिंह ने गृह मंत्री अनिल देशमुख पर अवैध उगाही का सनसनीखेज आरोप लगाया था उन्होंने यह कहा था कि एंटीला विस्फोटक मामले में गिरफ्तार पुलिस अधिकारी सचिन वझे से देशमुख सीधे संपर्क में थे उन्होंने वझे को हर महीने 100 करोड़ रुपये की अवैध उगाही करने का निर्देश दिया था।
महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्यारी को भी लिया निशाने पर
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने इस पूरे दौर में निश्चित तौर पर क्या किया? राज्यपाल आज ठाकरे सरकार जाए इसके लिए राजभवन के समुद्र में बैठकर ईश्वर का जलाभिषेक कर रहे हैं। एंटालिया व परमबीर सिंह लेटर प्रकरण के कारण तो यह सरकार जाएगी ही, ऐसी उम्मीद लगाकर बैठे थे। उस पर भी पानी फिर गया।