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Covid-19 in Madhya Pradesh: सीएम शिवराज का बड़ा फैसला, भोपाल, इंदौर और उज्जैन पूरी तरह सील 

Updated Apr 09, 2020 | 11:51 IST

Covid 19 in Madhya Pradesh: शिवराज ने लोगों से घर से बाहर निकलते समय एहतियात बरतने एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की है। साथ ही उन्होंने कहा कि मास्क पहनकर ही लोग अपनों घरों से बाहर निकलें।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
मध्य प्रदेश के तीन शहर हुए सील।
मुख्य बातें
  • मध्य प्रदेश में कोविड-19 के प्रकोप पर रोक के लिए सीएम चौहान ने लिया बड़ा फैसला
  • राजधानी भोपाल, इंदौर और उज्जैन पूरी तरह हुए सील, शहर में आने-जाने पर लगी रोक
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि संक्रमण छिपाने वाले व्यक्ति के खिलाफ दर्ज होगी एफआईआर

भोपाल : मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा फैसला किया है। शिवराज ने राज्य के तीन बड़े शहरों भोपाल, इंदौर और उज्जैन को पूरी तरह सील करने का आदेश दिया है। लॉकडाउन के दौरान राज्य में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में किसी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए मुख्यमंत्री ने एस्मा भी लागू कर दिया है। मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमण के अब तक 229 केस सामने आए हैं और इस महामारी से अभी तक 13 लोगों की मौत हुई है।

चौहान ने प्रशासन से इन शहरों में आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा, 'इस दौरान शहर में किसी के दाखिल होने या निकलने की इजाजत नहीं होगी। सभी सरकारी विभाग एवं उनके संसाधन कोविड-19 से जुड़े राहत कार्यों में लगाए जाने चाहिए।' मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के अन्य इलाकों में जहां भी कोविड-19 का संक्रमण पाया जाता है उसे भी पूरी तरह सील किया जाना चाहिए। कोविड-19 के संक्रमण पर राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई समीक्षा बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने ये घोषणाएं कीं।

मुख्यमंत्री ने लोगों से घर से बाहर निकलते समय एहतियात बरतने एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की है। साथ ही उन्होंने कहा कि मास्क पहनकर ही लोग अपनों घरों से बाहर निकलें। हाल के दिनों  में मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों में तेजी आई है। कोरोना के सबसे ज्यादा मामले इंदौर में पाए गए हैं। यहां कोविड-19 के 173, भोपाल में 96, उज्जैन में 13, खरगोन में 12 और मुरैना में 12 मामले सामने आए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, 'किसी को भी कोरोना वायरस की बीमारी छिपाने की जरूरत नहीं है। इसे छिपाने पर मौत हो सकती है जबकि इसके बारे में बताकर जीवन मिल सकता है।' उन्होंने वायरस से संक्रमण की बात छिपाने वाले व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और इलाज के बाद सजा देने की बात कही है। इस बीच, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री चौहान के एस्मा लगाने के फैसले पर सवाल उठाया है। कमलनाथ ने पूछा है कि ऐसे समय में जब राज्य की पूरी मशीनरी कोरोना के प्रकोप से लड़ने में जुटी है तो एस्मा लगाने का कोई औचित्य नहीं बनता है।

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