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न्यूक्लियर वारहेड में चीन-पाक से पीछे है भारत, फिर भी चिंता की बात नहीं, यह है वजह   

Updated Jun 15, 2021 | 11:28 IST

स्टॉकहोम स्थित सिपरी का आंकलन है कि दुनिया में परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ रहा है। भारत, चीन और पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों में वृद्धि कर रहे हैं। दुनिया में नौ देश परमाणु हथियार संपन्न हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
न्यूक्लियर वारहेड में चीन-पाक से पीछे है भारत।
मुख्य बातें
  • दुनिया के न्यूक्लियर वारहेड की संख्या पर सिपरी ने जारी की अपनी रिपोर्ट
  • अपनी रिपोर्ट में सिपरी ने कहा कि दुनिया के देश बढ़ा रहे परमाणु हथियार
  • न्यूक्लियर वारहेड के मामले में चीन और पाकिस्तान से पीछे है भारत

नई दिल्ली : भारत के पास चीन और पाकिस्तान की तुलना में न्यूक्लियर वारहेड की संख्या भले ही कम हो लेकिन उसे अपने दुश्मनों को माकूल जवाब देने की अपनी सामरिक एवं सैन्य क्षमता पर पूरा भरोसा है। अग्नि-5 मिसाइल, राफेल लड़ाकू विमान सेना में शामिल हो रहे हैं जबकि इस साल न्यूक्लियर पनडुब्बी आईएनएस अरिघाट नौसेना को मिल जाएगी। सेना का मानना है कि इन सभी से भारत की सैन्य ताकत एवं उसकी मारक क्षमता में कई गुना इजाफा होगा। भारत के पास 'सेकेंड स्ट्राइक क्षमता' है जो उसे सामरिक रूप से बढ़त देती है।

दुनिया में नौ देश हैं परमाणु हथियार संपन्न
स्टॉकहोम स्थित इंटरनेशनल पीस इंस्टीट्यूट (सिपरी) की ओर से सोमवार को जारी नए सैन्य आंकलन के मुताबिक चीन के पास अभी 350 न्यूक्लियर वारहेड हैं जबकि पाकिस्तान के पास 165 हैं। रिपोर्ट में भारत के पास 156 न्यूक्लियर वारहेड होने की बात कही गई है। दुनिया के नौ परमाणु हथियार संपन्न देशों के पास करीब 13,080 न्यूक्लियर वारहेड हैं। इनमें रूस के पास 6,225 वारहेड्स और अमेरिका के पास 5,550 वारहेड्स। फ्रांस के पास 290, ब्रिटेन के पास 225, इजरायल के पास 90, उत्तर कोरिया के पास 40-50 न्यूक्लियर वारहेड हैं। हालांकि सिपरी का कहना है कि न्यूक्लियर वारहेड का यह आंकड़ा बिल्कुल सटीक नहीं हैं क्योंकि देश अपने परमाणु हथियार कार्यक्रमों पर रहस्य बनाकर रखते हैं। 

देश न्यूक्लियर वारहेड्स
रूस 6,255
अमेरिका 5,550
चीन 350
फ्रांस 290
ब्रिटेन 225
भारत 156
इजरायल 90
उत्तर कोरिया 40-50 
   

नए परमाणु हथियार विकसित कर रहे देश
सिपरी का कहना है कि रूस और अमेरिका के अलावा अन्य सात देश या तो नए हथियार प्रणाली को विकसित कर रहे हैं या उनकी तैनाती कर रहे हैं। चीन अपने परमाणु हथियार विकास कार्यक्रम को आधुनिक एवं उनका विस्तार कर रहा है। भारत और पाकिस्तान भी अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को बढ़ा रहे हैं। 

एलएसी पर तनाव के बीच आई है सिपरी की रिपोर्ट
सिपरी की यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर पहुंच चुका है। एलएसी पर तनाव वाले इलाके से दोनों देश अपनी सेना पीछे हटाने के लिए सहमत हुए हैं लेकिन सीमा पर तनाव पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है लेकिन भारत एवं पाकिस्तान सीमा पर संघर्षविराम बहाल करने पर सहमत हुए हैं।

भारत के पास है सेकेंड स्ट्राइक कैपेबिलिटी
टीओआई की रिपोर्ट में भारतीय अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि भारत के पास जमीन से बैलिस्टिक मिसाइल एवं परमाणु चालित पनडुब्बियों से परमाणु हथियार दागने की क्षमता है। भारत के पास 'भरोसेमंद सेकेंड स्ट्राइक क्षमताएं' हैं। इससे वारवेड्स की ज्यादा संख्या बहुत मायने नहीं रखती है। एक अधिकारी ने कहा, 'परमाणु हथियार दुश्मन को काबू में रखने के लिए होते हैं, युद्ध लड़ने के लिए नहीं। पाकिस्तान और उत्तर कोरिया अपने परमाणु हथियारों की तकनीकी चीन से हासिल की है लेकिन भारत अपने स्वदेशी तकनीक के बलबूते आगे बढ़ा है।'

अग्नि-5 के दायरे में यूरोप एवं अफ्रीका भी
भारत का ट्राइ-सर्विस स्ट्रेटेजिक फोर्सेज कमान 5000 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक मार करने वाली अंतरमहाद्विपीय बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-V को  सेना में शामिल कर रहा है। इसके शामिल हो जाने के बाद अग्नि-5 की मारक क्षमता के दायरे में पूरा एशिया, चीन, यूरोप एवं अफ्रीका के हिस्से आ जाएंगे। इसी तरह से राफेल लड़ाकू विमान के आने से वायु सेना की ताकत कई गुना बढ़ गई है।    

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