- सीताराम येचुरी तीसरी बार सीपीआईएम के महासचिव चुने गए।
- वे पहली बार 9 अप्रैल 2015 को सीपीआईएम के महासचिव बने थे।
- येचुरी की जिम्मेदारी पार्टी को पुनर्जीवित करने की है।
कन्नूर (केरल): सीताराम येचुरी (Sitaram Yechury) को केरल के कन्नूर जिले में आयोजित 23वीं पार्टी कांग्रेस में रविवार (10 अप्रैल) को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (CPIM) के महासचिव के रूप में फिर से निर्वाचित किया गया है। उन्हें पार्टी कांग्रेस में चुनी गई 85 सदस्यीय नई सेंट्रल कमिटी द्वारा पार्टी का नेतृत्व करने के लिए चुना गया। वे पहली बार 9 अप्रैल 2015 को आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम जिले में आयोजित 21वीं पार्टी कांग्रेस में इस पद के लिए चुने गए थे। 2018 में हैदराबाद में हुई 22वीं पार्टी कांग्रेस में येचुरी ने लेफ्ट पार्टी में सर्वोच्च पद के लिए दूसरा कार्यकाल हासिल किया था।
उन्होंने प्रकाश करात का स्थान लिया, जिन्होंने 2005 से 2015 तक लगातार तीन बार पार्टी में शीर्ष पद संभाला था। येचुरी की जिम्मेदारी पार्टी को पुनर्जीवित करने की है, वर्तमान में CPI(M) केवल तीन राज्यों यानी केरल, झारखंड और तमिलनाडु तक ही सीमित है। चल रहे कांग्रेस के दौरान उन्होंने घोषणा की थी कि बीजेपी को कमजोर करने के उद्देश्य से पार्टी क्षेत्रीय गठबंधनों को प्राथमिकता दे रही है। येचुरी ने कहा कि सीपीएम धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ चुनावी गठबंधन के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि पार्टी सभी राज्यों में बीजेपी को कमजोर करने के उद्देश्य से क्षेत्रीय गठबंधनों को प्राथमिकता दे रही है।
85 सदस्यीय नई सेंट्रल कमिटी में 15 महिलाएं और 17 नए कैडर हैं, जबकि 17 सदस्यीय पोलित ब्यूरो में तीन नए सदस्य हैं। पोलित ब्यूरो के 17 निर्वाचित सदस्य सीताराम येचुरी, प्रकाश करात, पिनाराई विजयन, कोडियेरी बालकृष्णन, वृंदा करात, माणिक सरकार, एमडी सलीम, सूर्यकांत मिश्रा, बीवी राघवुलु, तपन सेन, नीलोत्पल बसु, एम ए बेबी, जी रामकृष्णन, सुभाषिनी अली, रामचंद्र डोम, डॉ अशोक धवले और ए विजयराघवन हैं। CPI(M) की 23वीं कांग्रेस 6 से 10 अप्रैल तक केरल के कन्नूर में आयोजित की गई थी।