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तो क्या अब 'पश्चिम बंगाल' बनेगा 'किसान आंदोलन' का केंद्र,मिल रहे ऐसे संकेत

Updated Mar 08, 2021 | 23:25 IST

किसान अलग-अलग शहरों में कृषि कानूनों के खिलाफ महापंचायत आयोजित कर रहे हैं किसान नेता राकेश टिकैत विधान सभा चुनाव से ठीक पहले पश्चिम बंगाल में महापंचायत में शामिल होंगे।

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किसान आंदोलन को और धार देने की तैयारी में जुटे हैं प्रमुख किसान नेता

कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन लंबे समय से जारी है किसान नेता सरकार की बात मानने को तैयार नहीं है और आंदोलन को धार देने में लगे हुए हैं, 26 जनवरी को दिल्ली में हुए बवाल के बाद किसानों के बखूबी नेतृत्व दे रहे राकेश टिकैत ने कहा है वो  13 मार्च को पश्चिम बंगाल जाएंगे उन्होंने कहा कि सरकार आजकल पश्चिम बंगाल पहुंची हुई है सो वहीं उससे मुलाकात की जाएगी और किसानों की ताकत का एहसास कराया जाएगा।

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेजी से हो रही हैं ऐसे में माना जा रहा है किसानों का आंदोलन राज्य में रंग पकड़ गया तो चुनाव का गणित भी थोड़ा बहुत प्रभाावित हो सकता है।

विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र तमाम पार्टियां प्रचार में ज़ोर शोर से लगी हुई हैं ऐसे में किसानों को ये मौका मुफीद लग रहा है तभी तो राकेश टिकैत ने कहा, सरकार आजकल पश्चिम बंगाल जा रखी है, हम सरकार से वहीं मिलेंगे, हम 13 मार्च को बंगाल जा रहे हैं किसानों से बात करेंगे कि MSP पर खरीद हो रही है कि नहीं। 

गौर हो कि पीएम नरेंद्र मोदी समेत बीजेपी के तमाम बड़े नाम लोगों से पश्चिम बंगाल चुनाव में बीजेपी को वोट देने की अपील कर रहे हैं ऐसे में भारतीय किसान यूनियन ने बड़ा ऐलान कर दिया है कि भारतीय किसान यूनियन अब अपने आंदोलन को पश्चिम बंगाल में ले जाने की तैयारी में है।

भारतीय किसान यूनियन ने इस बावत  ऐलान भी कर दिया है कि 13 मार्च को किसान-मजदूर आंदोलन को और तेज किया जाएगा ताकि सरकार को नींद से जगाया जा सके।

किसान आंदोलन के नेता अब उन जगहों पर भी किसानों के बीच जाने की योजना बना रहे हैं, जहां-जहां चुनाव होने हैं, किसानों का आरोप है कि केंद्र सरकार ने 100 दिन से चल रहे आंदोलन की अनदेखी की, इसलिए वह उसे भी नुकसान पहुंचाने में कसर नहीं छोड़ेंगे।

इससे पहले राकेश टिकैत ने कहा था कि जब तक एमएसपी पर कानून नहीं बनेगा और नए कृषि कानून  वापस नहीं होंगे तब तक किसानों का आंदोलन  जारी रहेगा उन्होंने किसानों की महापंचायत  को सम्बोधित करते हुए कहा कि जिस तरीके से पहले गोदाम बनाये गये और बाद में कानून बनाया गया, वह किसानों के साथ धोखा है।

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