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'अभी सोशल डिस्‍टेंसिंग, लॉकडाउन ही कोरोना से बचाव के वैक्‍सीन, सख्‍ती से करें पालन'

Updated Apr 09, 2020 | 20:01 IST

देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच केंद्रीय स्‍वास्‍थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन का कहना है कि मौजूदा दौर में 'सोशल डिस्‍टेंसिंग और लॉकडाउन ही इससे बचाव का वैक्‍सीन हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
'अभी सोशल डिस्‍टेंसिंग, लॉकडाउन ही कोरोना से बचाव के वैक्‍सीन, सख्‍ती से करें पालन'

नई दिल्‍ली : देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच सरकार बार-बार इस पर जोर दे रही है कि लोग 'सोशल डिस्‍टेंसिंग' का पालन करें। इस बीच केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि मौजूदा दौर में जब इस संक्रामक रोग का कोई उपचार मौजूद नहीं है और न ही कोई वैक्‍सीन उपलब्‍ध है, 'सोशल डिस्‍टेंसिंग' और लॉकडाउन इससे बचाव को लेकर किसी वैक्‍सीन से कम नहीं है। उन्‍होंने जोर देकर कहा कि सभी को इसका सख्‍ती से पालन करना चाहिए।

'भारत में बेहतर स्थिति'

कोविड-19 पर बेनेट यूनिवर्सिटी की ओर से आयोजित एक ग्‍लोबल ऑनलाइन कॉन्‍फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'कोविड-19 से जुड़े आंकड़ों के आधार पर मैं पूरे विश्‍वास के साथ कह सकता हूं कि भारत की स्थिति दुनिया में किसी भी देश से बेहतर है।' उन्‍होंने कहा कि मौजूदा दौर में हर 4.5 दिन पर कोरोना संक्रमण के मामले दोगुना हो जा रहे हैं। हालांकि देश के अधिकांश जिले अब भी इससे अछूते हैं। उन्‍होंने यह भी कहा कि सरकार ने देशभर में 133 जिलों की पहचान हॉट-स्‍पॉट के तौर पर की है।

'डॉक्‍टर्स के साथ दुर्व्‍यवहार शर्मनाक'

हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार विभिन्‍न राज्‍य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रही है। उन्‍होंने देशवासियों से संकट की इस घड़ी में सभी स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों के साथ एकजुटता दिखाने की अपील की, जो संक्रमण की आशंका के बावजूद दिन-रात मरीजों की देखभाल में जुटे रहते हैं। उन्‍होंने डॉक्‍टर्स और नर्सों के साथ दुर्व्‍यवहार की घटनाओं को शर्मनाक भी बताया। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जबकि दिल्‍ली में सफदरजंग अस्पताल में कार्यरत दो महिला डॉक्‍टर्स के साथ बुधवार को ही बदसलूकी की घटना सामने आई है।

'कर लिए गए हैं जरूरी इंतजाम'

केंद्रीय मंत्री ने यह आश्‍वासन भी दिया कि सरकार ने ऑक्‍सीजन सपोर्ट के लिए प्रबंध कर लिया है। वेंटीलेटर्स, आइसोलेशन बेड और आईसीयू की व्‍यवस्‍था भी कर ली गई है। हालांकि देश में कोरोना के कुल मरीजों में से 85 प्रतिशत में संक्रमण की तीव्रता बहुत कम है।

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