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हिमाचल में पंजाब जैसे हालात से बचना चाहती है कांग्रेस, सोनिया की प्रदेश नेताओं के साथ मंत्रणा

Updated Mar 23, 2022 | 09:59 IST

Congress News : पंजाब जैस हालात का सामना कांग्रेस को हिमाचल प्रदेश में न करना पड़ा, इसके लिए पार्टी अभी से रणनीति पर काम कर रही है। इस पहाड़ी राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होंगे। पंजाब में पार्टी नेताओं की गुटबाजी का शिकार हुई है। 

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तस्वीर साभार:&nbspANI
पंजाब कांग्रेस के नेताओं से मिलीं सोनिया गांधी।
मुख्य बातें
  • पंजाब जैसे हालात हिमाचल प्रदेश में न हों, इससे बचना चाहती है कांग्रेस
  • हिमाचल प्रदेश के नेताओं के साथ मिली हैं कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी
  • हिमाचल प्रदेश के प्रभारी राजीव शुक्ल ने कहा कि AAP वहां कोई मुद्दा नहीं

नई दिल्ली : पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा एवं मणिपुर में हार का सामना करने वाली कांग्रेस अगले चुनावों को लेकर सक्रिय हो गई है। कई राज्यों में नेताओं की गुटबाजी से परेशान कांग्रेस प्रादेशिक नेताओं को एकजुट रखना चाहती है। इसी क्रम में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हिमाचल प्रदेश के नेताओं के साथ बैठक की है। पंजाब में कांग्रेस की हार में नेताओं की गुटबाजी एक बड़ा कारण रही है। पंजाब जैस हालात का सामना उसे हिमाचल प्रदेश में न करना पड़ा, इसके लिए पार्टी अभी से रणनीति पर काम कर रही है। इस पहाड़ी राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होंगे। 

प्रदेश के नेताओं पर सोनिया ने साधा निशाना

सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में सोनिया गांधी ने प्रदेश के नेताओं पर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा, 'आप सभी लोग यहां एक दूसरे के बगल में बैठे हैं...नहीं तो आप एक दूसरे से बात भी नहीं करते।' इस बैठक में हिमाचल प्रदेश में पार्टी के प्रभारी राजीव शुक्ला भी मौजूद थे। पंजाब में आम आदमी पार्टी के हाथों कांग्रेस की करारी हार हुई है। इस बैठक में प्रदेश के नेताओं ने सोनिया को हिमाचल में आप की स्थिति से अवगत कराया। 

हिमाचल में AAP कोई मुद्दा नहीं
राजीव शुक्ला ने कहा, 'हिमाचल प्रदेश में आम आदमी पार्टी मुद्दा नहीं है। यहां भाजपा और कांग्रेस से टिकट न पाने वाले ही आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे।' सूत्रों का कहना है कि नेताओं से फीडबैक लेने के बाद अंतरिम अध्यक्ष ने चुनाव के लिए रणनीति तैयार करने को कहा। इस बैठक में प्रदेश के नेताओं ने सोनिया से कहा कि वे एकजुट होकर पार्टी के लिए काम करेंगे। नेताओं ने पंजाब जैसी स्थिति हिमाचल प्रदेश में न आने देने का वादा भी किया। 

पदाधिकारियों को बदल सकती है कांग्रेस
सूत्रों का कहना है कि यदि जरूरत पड़ी तो पार्टी प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक दल के नेता को भी बदल सकती है। सूत्रों का कहना है कि अभी इन पदाधिकारियों को बदलने की कोई योजना नहीं है लेकिन विकल्प खुले हुए हैं। पिछले साल हिमाचल प्रदेश में हुए उपचुनावों में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया। उसने मंडी लोकसभा सीट एवं विधानसभा की तीन सीटों पर जीत दर्ज की। कांग्रेस इस सफलता को विधानसभा चुनावों में भी दोहराना चाहती है।   

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