- लॉकडाउन के बाद दिल्ली से प्रवासी मजदूरों ने शुरू किया था पलायन
- अरविंद केजरीवाल ने लोगों को यह कहकर गुमराह किया कि सरकार लॉकडाउन को तीन महीने तक बढ़ा सकती है-सूत्र
- सूत्रों के मुताबिक केजरीवाल सरकार ने लोगों के बीच पैदा किया था भ्रम
नई दिल्ली: दिल्ली के आनंद विहार में एकत्र भीड़ की तस्वीरें वायरल होने के बाद हर कोई केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साध रहा है। इस बीच खबर आ रही है कि लोगों में भ्रम पैदा करने को लेकर केंद्र सरकार ने दिल्ली की अऱविंद केजरीवाल सरकार की कड़ी आलोचना की है। एक भ्रम की स्थिति पैदा होने की वजह से राष्ट्रीय राजधानी से प्रवासी श्रमिकों भारी हुजूम आनंद विहार बस अड्डे पर उमड़ गया था।
केजरीवाल ने किया गुमराह
एएनआई ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि अरविंद केजरीवाल ने लोगों को यह कहकर गुमराह किया कि सरकार लॉकडाउन को तीन महीने तक बढ़ा सकती है। जबकि सरकारी सूत्रों ने स्पष्ट किया और दोहराया कि यह लॉकडाउन 14 अप्रैल से आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। जाहिर तौर पर, इस अफवाह ने कई प्रवासियों को परेशान कर दिया और वो अपने गांव की तरफ भागने की जुगत में लग गए।
तीन महीने के कर्फ्यू पास
एक शीर्ष सूत्र के मुताबिक, "दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार द्वारा लॉकडाउन को लेकर भ्रम पैदा किया गया। दिल्ली सरकार ने तीन महीने के लिए कर्फ्यू पास जारी किए जिसने लॉकडाउन को लेकर और अधिक भ्रम पैदा कर दिया। इसका एक वीडियो बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने अपने ट्विटर पर भी साझा किया था। यह जानबूझकर किया गया था।' केंद्र ने स्थिति की गलत स्थिति पर अपनी नाराजगी व्यक्त की और यह बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने वास्तव में स्थिति को बेहतर तरीके से संभाला था।
लाउडस्पीकर से की गई घोषणा
सूत्रों के मुताबिक, 'दिल्ली में लाउडस्पीकर से घोषणा की गई थी कि जो लोग शहर छोड़ना चाहते हैं, उनके लिए बसें उपलब्ध हैं। यह इतने सारे स्तरों पर गलत और नैतिक रूप से कई भ्रामक जानकारियां फैलाई गईं।' सूत्रों का यह भी मानना है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने उस समय की लॉकडाउन का राजनीतिकरण किया जब उन्हें गरीबों और के बारे में सोचना चाहिए था और उन्हें घर से बाहर होने वाले खतरे के बारे में बताना चाहिए था।
आनंद विहार पर ऐसे उमड़ी भीड़
सूत्र के मुताबिक 'अरविंद केजरीवाल ने यह कहकर प्रवासियों को गुमराह किया कि उत्तर प्रदेश ने उनके लिए बसों की व्यवस्था की है। हालांकि उन्होंने दिल्ली में रहने को भी कहा था। यह सरासर राजनीति है। उस समय यूपी सरकार द्वारा कोई बस नहीं भेजी गई थी। उनके संदेश ने लोगों में एक धारणा बनाई कि उनके गांवों के लिए मुफ्त बसें जा रही है और यह लॉकडाउन के दौरान हुआ।'
दिल्ली सरकार भी दो लाख लोगों को भोजन परोसने के अपने "झूठे दावों" के लिए भी लोगों के निशाने पर है। इससे पहले, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष ने भी राष्ट्रीय राजधानी से मजदूरों के अचानक पलायन के पीछे एक साजिश का ईशारा करते हुए ट्वीट किया था।