लाइव टीवी

11 वीर सपूतों के बारे में खास जानकारी जिन पर देश को गर्व है

Updated Dec 09, 2021 | 23:45 IST

देश उन 13 वीर सपूतों को याद कर रहा है कि जिनकी कुन्नूर में असमय निधन हो गया। एमआई सीरीज के हेलीकॉप्टर में सीडीएस विपिन रावत समेत 13 लोगों की मौत हो गई।

Loading ...
11 वीर सपूतों के बारे में खास जानकारी जिन पर देश को गर्व है
मुख्य बातें
  • कुन्नूर में एमआई सीरीज का चॉपर हादसे का हो गया था शिकार
  • सीडीएस बिपिन रावत समेत 13 लोगों की मौत
  • ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह अस्पताल में भर्ती

नई दिल्ली। तमिलनाडु में कुन्नूर के पास सैन्य हेलीकॉप्टर दुर्घटना में बुधवार को सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के साथ भारतीय सेना के सात अधिकारी एवं जवान और भारतीय वायु सेना के चार अधिकारियों ने अपनी जान गंवा दी।सेना के डॉक्टरों ने 13 मृतकों में से जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और ब्रिगेडियर एल. एस. लिद्दर की पहचान कर ली है, जबकि वे दूसरों की पहचान करने के लिए डीएनए परीक्षण कर रहे हैं।

ब्रिगेडियर एल. एस. लिद्दर

दिसंबर 1990 में जम्मू एवं कश्मीर राइफल्स में कमीशन मिला। जनवरी 2021 से सीडीएस के लिए डीए के तौर पर नियुक्त थे। मेजर जनरल के रूप में पदोन्नति के लिए स्वीकृत होने के बाद उन्हें एक डिवीजन की जिम्मेदारी संभालनी थी। उत्तरी सीमाओं में कमान ब्रिगेड रहे। एनडीए में प्रशिक्षक और सैन्य संचालन निदेशालय में निदेशक रहे।


लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह

2/11 गोरखा राइफल्स; सितंबर 2001 में ओटीए, चेन्नई से कमीशन मिला। वह आईएमए, देहरादून में प्रशिक्षक थे। पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर में सेवा की। इसके अलावा, सिक्किम स्काउट्स में भी रहे। वह कोर मुख्यालय में स्टाफ ऑफिसर भी रहे।लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, जिनकी हेलीकॉप्टर दुर्घटना में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और अन्य के साथ मौत हो गई थी, की शादी कर्नाटक की प्रफुल्ल से हुई थी।

प्रफुल्ल उडुपी जिले के करकला कस्बे के पास सलमारू गांव की मूल निवासी हैं। हादसे की खबर मिलते ही परिवार में मातम छा गया। पूरा उडुपी जिला और राज्य अब अपने वीर दामाद के निधन से शोक में है।हरजिंदर सिंह और प्रफुल्ल एक दूसरे को पसंद करते थे और 15 साल पहले शादी कर ली थी। दंपति की एक बेटी है। हरजिंदर सिंह को सीडीएस बिपिन रावत के सचिव की जिम्मेदारी दी गई थी।


लांस नायक बी. साई तेजा

11 पैरा (एसएफ) से जुड़े हुए थे। जून 2013 में शामिल होने वाले तेजा ने चीन के साथ सीमा पर अरुणाचल प्रदेश में अत्यधिक ऊंचाई पर सेवा की। मणिपुर और नागालैंड में आतंकवाद विरोधी अभियानों का हिस्सा रहे। मिश्रित मार्शल आर्ट, निहत्थे युद्ध और संचार एवं इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विशेषज्ञ रहे।

लांस नायक विवेक कुमार

1 पैरा (एसएफ) से जुड़े हुए थे। दिसंबर 2012 में शामिल होने वाले कुमार ने दक्षिण और उत्तरी कश्मीर में सेवा की। इसके अलावा उन्होंने स्पीति से आगे भारत-चीन सीमा के पास भी जिम्मेदारी की निर्वहन किया। कॉम्बैट फ्रीफॉल में विशेषज्ञ, संचार विशेषज्ञ और निहत्थे युद्ध में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए जाने जाते थे।

लांस नायक जितेंद्र कुमार

3 पैरा (एसएफ) से जुड़े हुए थे। मार्च 2011 में शामिल होने वाले जितेंद्र कुमार ने भारत-पाक सीमा के साथ डेजर्ट सेक्टर में, पिथौरागढ़ के पास भारत-चीन सीमा पर और जम्मू-कश्मीर में सेवा की। वह स्निपर विशेषज्ञ और संचार में विशेषज्ञ थे।


नायक गुरसेवक सिंह

9 पैरा (एसएफ) से जुड़े हुए थे। मार्च 2004 में शामिल होने वाले सिंह ने लद्दाख, पुंछ-राजौरी, दक्षिण और उत्तरी कश्मीर में सेवा की। एक विध्वंस विशेषज्ञ, निहत्थे युद्ध और निकट की लड़ाई के विशेषज्ञ थे।

हवलदार सतपाल राय

5/11 गोरखा राइफल्स से जुड़े हुए थे। मार्च 2002 में शामिल होने वाले राय ने सियाचिन, नौशेरा, नागालैंड और मणिपुर में सेवा की। उनका बेटा पिछले एक साल से उसी यूनिट में कार्यरत है।

दुर्घटना में जान गंवाने वाले भारतीय वायु सेना के जांबाज जवान :

विंग कमांडर पी. एस. चौहान

जून 2002 में एक हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में भारतीय वायुसेना में कमीशन मिला। आगरा से संबंध रखते थे।

स्क्वाड्रन लीडर कुलदीप

जून 2015 में एक हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में भारतीय वायुसेना में कमीशन मिला। घरदाना खुर्द, राजस्थान के रहने वाले थे।

जेडब्ल्यूओ आर. पी. दास

जून 2006 में आईएएफ में शामिल होने वाले दास एक फ्लाइट इंजीनियर थे, जो ओडिशा के अंगुल के रहने वाले थे।

जेडब्ल्यूओ ए. प्रदीप

जनवरी 2004 में वायु सेना से जुड़े थे। वह एक फ्लाइट गनर थे, जो केरल के त्रिशूर के रहने वाले थे।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।