

- भारत के दौरे पर हैं श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षा
- श्रीलंका को भारत 400 मिलियन डॉलर लाइन ऑफ क्रेडिट देगा
- 'भारतीय मछुआरों की नावों को छोड़ने पर श्रीलंका कर रहा है विचार'
नई दिल्ली। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे दो दिनों की भारत यात्रा पर हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सबसे पहले वो राजपक्षे को बधाई देते हैं, जिस तरह से राष्ट्रपति बनने के बाद राजपक्षे ने पहले विदेशी यात्रा के लिए भारत को चुना वो बताता है कि दोनों देशों के बीच रिश्ते कितने गहरे हैं। दोनों देशों ने कहा कि सहयोग की असीम संभावनाएं और हम मिलजुल कर विकास के नए चैप्टर की शुरुआत कर सकते हैं।
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने कहा कि भारतीय मछुआरों की जितनी भी नाव हमारे कब्जे में है उन्हें वापस लौटाने पर विचार किया जा रहा है। बता दें कि दोनों देशों के बीच इस मुद्दे को भावनात्मक तौर पर भी देखा जाता है। जानकार कहते हैं कि आम तौर पर देखा जाता है कि दोनों देशों के मछुआरे टेरिटोरियल वॉटर विवाद में उलझ जाते हैं और इस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद के दंश को श्रीलंका झेल रहा है और आतंक की समस्या भारत में भी हैं। इस विषय पर दोनों दल एक साथ और मजबूती के साथ लड़ाई लड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय पीएम को चुनावों के तुरंत बाद श्रीलंका जाना और श्रीलंका के राष्ट्रपति का चुनावों के बाद भारत आना साबित करता है कि हम संबंधों को नई ऊंचाई तक ले जा सकते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि श्रीलंका की सशक्त अर्थव्यवस्था भारत के लिए बेहतर हैं, भारत सरकार ने 400 मिलियन डॉलर का लाइन ऑफ क्रेडिट मुहैया कराने का फैसला किया है। भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए हाउसिंग प्रोजेक्ट में अब तक 46 हजार घर बनाए गए हैं। इसके साथ ही तमिल मूल के लोगों के लिए 14 हजार घर बनाए जा रहे हैं। इसके साथ ही सोलर प्रोजेक्ट के लिए 100 मिलियन डॉलर का ऋण देने का भी फैसला है।