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नेपाल व श्रीलंका में BJP का विस्तार! शाह के प्लान पर श्रीलंकन चुनाव आयोग ने फेरा पानी, कही ये बात

Updated Feb 16, 2021 | 06:39 IST

श्रीलंका के चुनाव आयोग उन दावों को खारिज कर दिया है जिसमें कहा जा रहा था कि भारतीय जनता पार्टी श्रीलंका में राजनीतिक दल के गठन की योजना बना रही है।

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शाह के प्लान पर श्रीलंकन चुनाव आयोग ने फेरा पानी, कही ये बात
मुख्य बातें
  • श्रीलंकन चुनाव आयोग बोला- यहां पार्टी नहीं बना सकता भगवा दल
  • बिप्लब देब के बयान पर श्रीलंका के चुनाव आयोग ने दी सफाई
  • बिप्लब देब ने कहा था कि भाजपा अब पड़ोसी देशों में भी सरकार बनाएगी

नयी दिल्ली:  श्रीलंकाई चुनाव आयोग के प्रमुख निमल पंचीवा ने सोमवार को उन खबरों पर खारिज किया, जिनमें कहा जा रहा था कि भारत की सत्तारूढ़ पार्टी भारतीय जनता पार्टी श्रीलंका में राजनीतिक दल के गठन की योजना बना रही है। निमल पंचीवा ने कहा कि श्रीलंका का चुनाव कानून इस तरह के प्रबंधन की इजाजत नहीं देता है। पंचीवा ने ‘श्रीलंका का कोई भी राजनीतिक दल विदेश में किसी भी दल अथवा समूह से संबंध रख सकता है लेकिन हमारा चुनाव कानून किसी अन्य विदेशी दल को श्रीलंका में काम करने की अनुमति नहीं देता।’

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने दिया था बयान
दरअसल श्रीलंकाई चुनाव आयोग के प्रमुख पंचीवा त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के उस बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें देब ने कहा था कि बीजेपी की योजना नेपाल और श्रीलंका में अपना विस्तार करने की है। बिप्लब देब ने कहा था कि भाजपा अब न केवल देशभर में बल्कि पड़ोसी देशों में भी सरकार बनाएगी। देब का यह बयान सामने आने के बाद विवाद शुरू हो गया था और विपक्ष बीजेपी से सफाई मांग रहा है।

क्या कहा था देब ने
 मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने एक कार्यक्रम को दौरान राजधानी अगरतला में कहा, 'हम अतिथिगृह में बात कर रहे थे तब अजय जम्वाल (भाजपा के पूर्वोत्तर क्षेत्र के सचिव) ने कहा कि भाजपा ने कई राज्यों में अपनी सरकार बनाई। जवाब में अमित शाह ने कहा कि अभी श्रीलंका और नेपाल बाकी है और हमें पार्टी का विस्तार करना है। हमें श्रीलंका और नेपाल में सरकार बनाने के लिए पार्टी का विस्तार करना है।'

विपक्ष हमलावर 
बिप्लब देब का यह बयान जल्द ही सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया। इसके बाद विपक्षी कांग्रेस तथा सीपीएम ने देब के इस बयान की आलोचना करते हुए उन पर तुरंत कार्रवाई करने मांग की थी। दोनों दलों ने कहा कि देब के इस बयान की जांच होनी चाहिए तांकि सच्चाई का पता लग सके।

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