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चीन को कड़ा संदेश, उत्तरी अरब सागर में भारत और जापान की नौसेनायें कर रहीं मिलिट्री एक्सरसाइज

Updated Sep 27, 2020 | 07:11 IST

भारत और जापान की नौसेनाएं उत्तर अरब सागर में तीन दिवसीय सैन्य अभ्यास कर रही हैं यह सैन्य अभ्यास शनिवार से शुरू हुआ है, इसे चीन के खिलाफ कड़ा संकेत भी माना जा रहा है।

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प्रतीकात्मक फोटो
मुख्य बातें
  • तीन दिवसीय सैन्य अभ्यास के पहले दिन शनिवार को भारत और जापान की नौसेनाओं ने उत्तरी अरब सागर में विभिन्न अभ्यास किये
  • भारत और जापान ने दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच साजोसामान सहयोग को एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे
  • इस समझौते के बाद यह दोनों देशों के बीच होने वाला पहला सैन्य अभ्यास है

भारत और जापान की नौसेनाओं ने आपसी अभियानगत सहूलियतें बढ़ाने के लक्ष्य को लेकर तीन दिवसीय सैन्य अभ्यास के पहले दिन शनिवार को उत्तरी अरब सागर में विभिन्न अभ्यास किये।रणनीतिक रूप से साझेदार दोनों देशों के बीच नौ सितंबर को ऐतिहासिक करार होने के बाद उनके बीच यह पहला सैन्याभ्यास है। इस करार के तहत दोनों देशों की सेनाएं ईंधन, मरम्मत अन्य जरूरतों के लिए एक-दूसरे की सहायता ले सकते हैं।

भाारत-जापान समुद्री अभ्यास जिमेक्स का चौथा संस्करण हिंद महासागर और हिंदप्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते सैन्य प्रभाव के बीच हो रहा है। जिमेक्स अभ्यास श्रृंखला समुद्र सुरक्षा पर विशेष ध्यान देते हुए जनवरी, 2012 में शुरू हुई थी।

भारत और जापान ने एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे

भारत और जापान ने दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच साजोसामान सहयोग को लेकर नौ सितंबर को एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे इस समझौते के बाद यह दोनों देशों के बीच होने वाला पहला सैन्य अभ्यास है। इससे पहले जापान के नए प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बातचीत करके ‘‘स्वतंत्र और निर्बाध हिंद प्रशांत क्षेत्र’’ के लिए मिलकर काम करने की इच्छा व्यक्त की थी।

भारत और अमेरिका के बीच रक्षा संबध और हो रहे प्रगाढ़ 

हाल ही में  भारतीय जंगी जहाज आईएनएस तलवार ने उत्तरी अरब सागर में अमेरिकी नौसेना के टैंकर यूएसएनए यूकोन (USNS Yukon) से ईंधन (Fuel) भरा था।भारत और अमेरिका ने समुद्र क्षेत्र में दोनों देशों की सेनाओं को मजबूत करने के लिए लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (LEMOA) पर हस्ताक्षर किया था, ये समझौता 2016 में हुआ था इसके प्रावधानों के तहत भारत और अमेरिका की सेनाएं एक-दूसरे के सैन्य हवाई अड्डे और बंदरगाह का इस्तेमाल कर सकते हैं।

वहीं इसी साल जुलाई में इंडियन नेवी ने यूएस नेवी कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के साथ अंडमान-निकोबार में सैन्य अभ्यास किया था। इसमें अमेरिका की तरफ से एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस निमिट्ज ने भी हिस्सा लिया था, इस सैन्य अभ्यास में इंडियन नेवी के 4 जंगी जहाजों ने भी हिस्सा लिया था।

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