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तीसरी लहर में 60 फीसदी मौतें उन लोगों की हुई, जिन्होंने आंशिक या कोई वैक्सीन डोज नहीं ली थी: स्टडी

Updated Jan 22, 2022 | 18:13 IST

एक निजी अस्पताल के एक अध्ययन में अहम बात सामने निकलकर आई है। इसके मुताबिक COVID-19 की तीसरी लहर के दौरान मरने वाले 60 प्रतिशत रोगियों का या तो आंशिक या पूरी तरह से टीकाकरण नहीं हुआ था।

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'तीसरी लहर में 60 % मौतें वैक्सीन नहीं लेने वालों की हुई'
मुख्य बातें
  • आंशिक या गैर टीकाकरण वाले लोगों की तीसरी लहर में 60% कोविड से मौत: अध्ययन
  • ओमिक्रॉन की वजह से उतना नुकसान नहीं हुआ- स्टडी
  • स्टडी के मुताबिक, तीसरी लहर में अस्पताल जाने की लोगों को कम पड़ रही है जरूरत

नई दिल्ली: एक निजी अस्पताल के एक अध्ययन में कहा गया है कि COVID-19 महामारी की मौजूदा लहर के दौरान मरने वाले 60 प्रतिशत रोगियों का या तो आंशिक या पूरी तरह से टीकाकरण नहीं हुआ था। मैक्स हेल्थकेयर द्वारा किए गए अध्ययन में कहा गया है कि रिपोर्ट की गई मौतों में ज्यादातर 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोग वो थे जो पहले से गुर्दे की बीमारियों, हृदय रोग, मधुमेह, कैंसर इत्यादि जैसी कई बीमारियों से पीड़ित थे।

निजी अस्पताल का सर्वे

अस्पताल के एक बयान में कहा, 'हमारे अस्पतालों में अब तक हुई 82 मौतों में से 60 प्रतिशत वह थे जिनका या तो वैक्सीनेशन नहीं हुआ था या आंशिक हुआ था।' दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी इस बात पर जोर देते रहे हैं कि मृत्यु उन रोगियों में हो रही है जो प्रतिरक्षित हैं और बीमारियों से पीड़ित हैं। महामारी की तीन लहरों के तुलनात्मक अध्ययन में यह भी कहा गया है कि महामारी की तीसरी लहर के दौरान केवल 23.4 प्रतिशत रोगियों को ऑक्सीजन समर्थन की आवश्यकता हुई है, जबकि दूसरी लहर के दौरान 74 प्रतिशत और पहली लहर के दौरान 63 प्रतिशत रोगियों को ऑक्सीजन सहायता की जरूरत पड़ी थी।

दूसरी लहर जैसी बेड्स की किल्लत नहीं

अस्पताल ने कहा कि जब दिल्ली ने अप्रैल में दूसरी लहर के दौरान 28,000 मामले दर्ज किए थे, तो सभी अस्पतालों के बेड फुल हो गए थे और कोई भी आईसीयू बेड उपलब्ध नहीं थे, जबकि इस लहर के दौरान पिछले सप्ताह अधिक संख्या में मामले सामने आए थे, तो अस्पतालों में बेड्स औरआईसीयू की उपलब्धता का कोई संकट नहीं था।

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ओमिक्रॉन नहीं बन रहा है गंभीर समस्या

तीसरी लहर के दौरान आईसीयू में प्रवेश की दर 45.9 प्रतिशत था, जबकि दूसरी और पहली लहर में 34 प्रतिशत और 35 प्रतिशत थी।  पहली लहर में समग्र मृत्यु दर 7.2 प्रतिशत थी जो दूसरी लहर के दौरान बढ़कर 10.5 प्रतिशत हो गई। इसमें कहा गया है, "हालांकि पिछले 10 दिनों में भर्ती होने वाले रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और अधिक से अधिक दैनिक मौतों की सूचना दी जा रही है, अच्छी खबर यह है कि वैरिएंट ओमिक्रॉन एक बहुत ही मामूली बीमारी का कारण बन रहा है।

बयान के मुताबिक टीकाकरण के कारण कम संख्या में लोगों को अस्पताल में भर्ती होने और ऑक्सीजन देने की जरूरत है। अस्पताल श्रृंखला ने अपनी शुरुआत से लेकर 20 जनवरी 2022 तक तीसरी लहर को कवर करते हुए यह अध्ययन किया है। यह अध्ययन मैक्स हेल्थकेयर के समूह चिकित्सा निदेशक डॉ संदीप बुद्धिराजा के नेतृत्व में किया गया था।

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