- याचिकाकर्ता ने कहा कि लॉकडाउन से कोविड-19 के मामलों में कमी आई है
- शराब की दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का नहीं किया जा रहा पालन
- SC ने कहा कि राज्य सरकारें होम डिलीवरी या ऑन लाइन बिक्री के बारे में सोचें
नई दिल्ली : लॉकडाउन के दौरान शराब की बिक्री का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को राज्यों को सुझाव दिया कि दुकानों पर लगने वाली भीड़ कम करने के लिए वे अप्रत्यक्ष संपर्क से बिक्री के लिए शराब की होम डिलीवरी अथवा उसकी ऑन लाइन बिक्री के बारे में विचार कर सकती है क्योंकि दुकानों पर भीड़ लगने से कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने का खतरा बना रहेगा।
कोर्ट ने कहा कि वह कोई आदेश पारित नहीं करेगा
जस्टिस अशोक भूषण, संजय किशन कौल और बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मामले की सुनवाई की। पीठ ने कहा कि वह गत एक मई के गृह मंत्रालय की गाइडलाइन पर वह कोई आदेश पारित नहीं करेगा। गृह मंत्रालय के इस आदेश में लॉकडाउन के दौरान दुकानों से शराब की बिक्री किए जाने की अनुमति दी गई है।
कोविड-19 के फैलने की आशंका जताई गई
सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता गुरुस्वामी नटराज की ओर से पेश वकील साई दीपक ने कहा, 'पीठ ने लॉकडाउन के दौरान राज्यों को शराब की होम डिलीवरी, ऑन लाइन बिक्री अथवा अप्रत्यक्ष संपर्क से बिक्री के बारे में विचार करने के लिए कहा है।' सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा कि देश भर में 70, 000 शराब की दुकानें हैं और इन दुकानों से अब तक पांच करोड़ से ज्यादा लोगों ने शराब खरीद ली है। चूंकि दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है ऐसे में कोविड-19 के केस में वृद्धि देखी जा रही है।
सरकार से नई गाइडलाइन जारी करने की मांग
दीपक ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने में काफी मदद मिली है और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हुआ तो आने वाले समय में इसके केस तेजी से बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश जब तक कोविड-19 से मुक्त नहीं हो जाता या जब तक लॉकडाउन लागू है तब तक दुकानों से सीधे संपर्क से शराब की बिक्री पर रोक लगनी चाहिए। सरकार को इस पर नई गाइडलाइन जारी करनी चाहिए।