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शिवसेना के संबंध में 'सुप्रीम' फैसला तय करेगा लोकतंत्र का भविष्य- उद्धव ठाकरे

Updated Jul 28, 2022 | 20:57 IST

शिवसेना पर किस गुट का दबदबा होगा इसका फैसला चुनाव आयोग को करना है। इसके साथ ही बागी विधायकों की अयोग्ता के मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में है। इन सबके बीच उद्धव ठाकरे ने बड़ा बयान दिया है।

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उद्धव ठाकरे

शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनके और एकनाथ शिंदे के गुटों द्वारा दायर याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय का फैसला भारत में लोकतंत्र के भविष्य का निर्धारण करेगा।ठाकरे पर्यावरण कार्यकर्ता सुषमा अंधारे और प्रशांत सुर्वे को पार्टी में शामिल करने के बाद यहां अपने आवास ‘मातोश्री’ में शिवसेना कार्यकर्ताओं से बात कर रहे थे।सुर्वे शिवसेना के बागी गुट की सांसद भावना गवली के पूर्व पति हैं।

लड़ रहे हैं कानूनी और संवैधानिक लड़ाई
ठाकरे ने कहा, “शिवसेना कानूनी और संवैधानिक लड़ाई लड़ रही है। उच्चतम न्यायालय का फैसला न केवल पार्टी का भविष्य बल्कि देश में लोकतंत्र का भविष्य भी तय करेगा।”उन्होंने कहा कि शिवसेना का हिंदुत्व का एजेंडा “राष्ट्रवादी” है।महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “राजनीति में उतार-चढ़ाव लगा रहता है। मुझे खुशी है कि विभिन्न विचारधाराओं के लोग शिवसेना से जुड़ रहे हैं। संविधान की रक्षा करना समय की मांग है।”मुख्यमंत्री शिंदे का समर्थन करने वाले बागी विधायकों व सांसदों पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने कहा कि शिवसेना ने “साधारण लोगों को असाधारण बनने” में मदद की लेकिन उन कानून निर्माताओं ने पार्टी छोड़ दी।

शिवसेना का कर रहे हैं पुनर्निर्माण
उन्होंने कहा, “अब और सामान्य लोगों की तलाश करने और उन्हें उनकी क्षमता का एहसास कराने में मदद करने का समय है। हम अपनी असली शिवसेना का पुनर्निर्माण कर रहे हैं। मैं ग्रामीण महिलाओं की नेतृत्व क्षमता पर ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं।”उन्होंने घोषणा की कि सुषमा अंधारे पार्टी की उप नेता होंगी।शिवसेना सांसद विनायक राउत ने कहा कि एयरलाइन सेक्टर में काम करने वाले प्रशांत सुर्वे वाशिम जिले में पार्टी की गतिविधियों को संभालेंगे।एक एकनाथ शिंदे के खेमे में चली गईं वाशिम की सांसद गवली के बारे में पूछे जाने पर सुर्वे ने कहा कि उनका रिश्ता एक दशक पहले खत्म हो गया था।

सुप्रीम कोर्ट में दोनों गुटों की अर्जी
शिंदे के विद्रोह और ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार के पतन के बाद उच्चतम न्यायालय के समक्ष अलग-अलग मुद्दों पर कम से कम छह याचिकाएं दायर की गई हैं।इसमें दोनों खेमों के विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही और ठाकरे को बहुमत साबित करने के राज्यपाल के निर्देश और बाद में शिंदे को नई सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने जैसे मुद्दों से जुड़ी याचिकाएं शामिल हैं।

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