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Swachh Bharat Abhiyan: 5 साल से गांधी के सपनों को पूरा करने में जुटे हैं PM मोदी, हर तरफ गूंजा शौचालय का शोर

Updated Sep 20, 2019 | 18:54 IST

पहली बार पीएम की कुर्सी पर काबिज होने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी (Narendra Modi) ने 2014 में गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) के अवसर पर स्वच्छ भारत अभियान का शुभारंभ किया था।

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स्वच्छ भारत अभियान
मुख्य बातें
  • 15 अगस्त 2014 को लाल किले की प्राचीर से किया था पीएम ने स्वच्छ भारत का अभियान
  • 2 अक्टूबर 2014 को पीएम ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत की
  • भारत सरकार के मुताबिक अभी तक इस अभियान के तहत 9 करोड़ शौचालयों का हुआ है निर्माण

नई दिल्ली: गांधी जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर, 2014 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत की थी तो तब किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि यह अभियान इतना जोर पकड़ेगा कि वैश्विक मंचों पर भी इसकी चर्चा होगी।  15 अगस्त 2014 को लालकिले की प्राचीर से प्रधानमंत्री मोदी ने भाषण देते हुए कहा था, 'क्या हमारा देश स्वच्छ नहीं हो सकता है? अगर सवा सौ करोड़ देशवासी तय कर लें कि मैं कभी गंदगी नहीं करूंगा तो दुनिया की कौन-सी ताकत है, जो हमारे शहर, गाँव को आकर गंदा कर सके? क्या हम इतना-सा संकल्प नहीं कर सकते हैं?'

पीएम ने खुद झाडू लगाकर की थी शुरूआत

खुद पीएम मोदी ने दिल्ली के मंदिर मार्ग से झाडू लगाकर इस स्वच्छता अभियान की शुरूआत की थी। इस दौरान पीएम ने इस अभियान में शामिल होने के लिए कई जानी मानी हस्तियों का आमंत्रित किया था जिनमें बाबा रामदेव, शशि थरूर, अनिल अम्‍बानी, सचिन तेंदुलकर,  कमल हसन, सलमान खान और प्रियंका चोपड़ा जैसी हस्तियां शामिल थीं। इसके बाद हर कोई इस अभियान में जुड़कर हाथ में झाडू लेते हुए नजर आया। मंत्री से लेकर अभिनेता और खिलाड़ियों ने खुलकर इस अभियान का ना केवल समर्थन किया बल्कि खुद इसमें शिरकत भी की। हालाकि कई मौकों पर देखा गया कि यह एक फोटो खिचवानें की रस्म तक बना था।

गाँधी की 150वीं जयंती का रखा था लक्ष्य

प्रधानमंत्री के आह्वान के बाद इस अभियान ने इस कदर जोर पकड़ा कि इस साल जनवरी तक इस मिशन के तहत 9 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण हो चुका है। इस अभियान के तहत देशभर में बड़ी संख्‍या में शौचालयों का निर्माण हुआ है। प्रधानमंत्री ने 2014 में कहा था कि जब 2019 में हम महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती मनाएँगे, तो हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि हमारा कोई भी गांव,  शहर,  गली-मोहल्ला, स्कूल, मंदिर, अस्पताल सहित सभी क्षेत्रों में हम गंदगी का नामोनिशान नहीं रहना चाहिए। इसके बाद इस अभियान में कई प्रमुख हस्तियों ने भी शिरकत की थी। 

खास प्रतियोगिता के जरिए तय हुआ था स्लोगन और लोगो

स्वच्छ भारत के लोगो डिजायन करने और स्लोगन लिखने के लिए  आम जनता से सुझाव मांगे गए। बड़ी संख्या में सरकार को देशभर इस स्लोगन और लोगो प्राप्त हुए। गुजरात की भाग्यश्री सेठ द्वारा लिखा गया स्लोगन 'एक कदम स्वच्छता की ओर' को सर्वश्रेष्ठ घोषित किया गया। इसके लिए भाग्यश्री को 25 हजार का इनाम मिला। वहीं लोगो के लिए अनंत खसबरदार विजेता के रूप में  50,000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया गया।

इस लोगो की खासियत ये है कि यह पीएम मोदी के उस सपने को पूरा करता है जिसमें उन्होंने महात्मा गांधी के नाम पर इस अभियान की शुरूआत की थी। स्वच्छ भारत अभियान का लोगो महात्मा गांधी के चश्मे को लेकर बनाया गया है जिसमें चश्मे के दोनों शीशों पर स्वच्छ भारत लिखा हुआ है। इन शीशों को जोड़ने वाले हिस्से राष्ट्रीय ध्वज तिरंग है। इसका साफ अर्थ है कि भारत गांधी जी के स्वच्छ भारत के सपनों को पूरा करने के लिए एकजुट है।

30 राज्य कर चुके हैं खुले में शौच से मुक्त

भारत  हाल में भारत सरकार ने बताया था कि देश में ग्रामीण स्वच्छता कवरेज 99% का आंकड़ा पार कर चुकी है और यह मिशन अपने अंतिम चरण में है। इस अभियान की बदौलत 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर चुके हैं।  यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक स्‍वच्‍छता का एक निश्चित स्‍तर हासिल करने से 50 हजार रूपये प्रति वर्ष/परिवार बचाये जा सकते है।

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