Varanasi: उत्तर प्रदेश सरकार ने वाराणसी के विकास के साथ ही स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखा है। योगी सरकार ने वाराणसी में स्वच्छता के लिए बहुत काम किया है। प्रदेश सरकार के प्रयासों की बदौलत स्वच्छ भारत नगरीय मिशन के अंतर्गत काशी को स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार मिलने जा रहा है। काशी को ये सम्मान 20 नवंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दिल्ली में देंगे। इस पुरस्कार के लिए कचरा मुक्त शहर, सफाई मित्र चैलेंज और आजादी का अमृत महोत्सव के लिए किए गए कार्यों को आधार बनाया गया है।
देश की सांस्कृतिक और धार्मिक राजधानी वाराणसी में रोजाना लाखों देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं। पूर्व की सरकारों ने आध्यात्मिक नगरी काशी के साफ-सफाई पर कोई ध्यान नहीं दिया, जिससे दुनिया के सबसे पुराने शहर काशी की स्वच्छता खराब होती चली गई। योगी सरकार के आने के बाद शानदार प्रबंधन से न सिर्फ वाराणसी को कचरे से मुक्ति दिलाई गई, बल्कि स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत वाराणसी को स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार दिला दिया है।
वाराणसी नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी एनपी सिंह ने बताया कि शहर से रोज 700 टन कचरा निकलता है, जिसका निस्तारण 4700 सफाई कर्मी करते हैं। घरों और दुकानों से निकलने वाले कूड़े को ये सफाई कर्मी डोर-टू-डोर उठाते हैं। शहर में बने 20 कूड़ाघर की निगरानी सीसीटीवी कैमरे से की जाती है। कूड़ा निस्तारण के लिए 231 गाड़ियां लगी हैं, जो जीपीएस से लैस हैं। कमांड सेंटर से इन कूड़ाघरों से कूड़ा निस्तारण पर नजर रखी जाती है। मैकेनाइज रोड क्लींनिंग मशीन से सड़कों की सफाई होती है। इसके अलावा 235 पब्लिक और कम्युनिटी शौचालय सफाई का भी ध्यान रखा जाता है। केंद्रीय नगर विकास मंत्रालय हर साल स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग देता है। नगर निकायों का उनके कचरा प्रबंधन के काम के मुताबिक आंकलन किया जाता है।