- ताहिर हुसैन ने कबूला- मैं उत्तर-पूर्व दिल्ली में हुई हिंसा का मास्टरमाइंड था
- अपने राजनीतिक ताकत और पैसे का इस्तेमाल कर काफिरों को सबक सिखाना चाहता था- ताहिर
- शाहीन बाग में पीएफआई के दफ्तर में उमर खालिद के की थी ताहिर ने मुलाकात
नई दिल्ली: दिल्ली दंगों को लेकर आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन ने पुलिस पूछताछ में बड़ा कबूलनामा किया है। ताहिर ने संभवत: पहली बार यह स्वीकार किया है कि वह इसी साल फरवरी माह के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा में ना केवल शामिल था बल्कि उसने योजनाबद्ध तरीके से पूरी प्लानिंग की थी। ताहिर ने कबूल किया है कि वह राजनीतिक पावर का इस्तेमाल हिंदुओं को सबक सिखाने के लिए करना चाहता था। ताहिर ने कहा कि उसके पास पैसे की कोई कमी नहीं थी। दिल्ली पुलिस उसने कहा कि ताहिर हुसैन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा के दौरान कुछ बड़ा करना चाहता था।
7 करोड़ में खरीदा था हजार गज का प्लॉट
ताहिर हुसैन ने कहा कि उसने 2012 में खजूरी खास में एक 700 गज का प्लॉट सात करोड़ रुपये में खरीदा था। बकौल ताहिर हुसैन, 'इस प्लॉट पर 250 गज पर मैंने अपना दफ्तर बनाया तथा बांकि पर मशीन लगाकर अपनी वर्कशॉप बना दी। इस दौरान मैंने दूसरी मंजिल पर अपने लिए तीन कमरों की रिहाइश बना दी तथा बीबी बच्चों के साथ यहां रहने लगा। इस दौरान नोएडा और दिल्ली में मेरा काम चलने लगा। कपिल मिश्रा के संपर्क में आने के बाद 2015 में मैंने आप ज्वॉइन की। इस दौरान बड़े नेताओं से मेरे अच्छे संबंध बन गए। '
370 हटने के बाद हुआ था दुखी
बकौल पुलिस ताहिर ने कहा, 'कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद खालिद सैफी (ताहिर का दोस्त) मेरे पास आया और कहा कि अब हम चुप नहीं बैठेंगे। तुम तैयार रहो हमारा वक्त आने वाला है। मैं कहा ठीक है मैं अपनी कौम के लिए पूरी तरह तैयार हूं। इस बीच राम मंदिर का फैसला आने क बाद मुझे लगा कि भारत में मुस्लिमों की हालत बेहद गंभीर औऱ सोचनीय हो गई है। कुछ दिन बाद सीएए कानून आने के बाद मुझे लगा कि पानी सिर से ऊपर जा चुका है और अब कुछ कदमउठाने पड़ेंगे।'
उमर खालिद से मुलाकात
हुसैन ने अपने कबूलनामें में कहा, 'उसके साथ मुलाकात करने का प्लान बनया।मैंने अप्रैल 2017 में आम आदमी पार्टी से पार्षद का चुनाव लड़ा और जीत गया। जीतने के बाद मैंने अपनी कौम के लिए काम करना जारी रखा क्योंकि मेरे पास पैसा बहुत था। 2014 में बीजेपी सकार के आने के बाद मुस्लिमों की स्थिति देश में अच्छी नहीं थी इसलिए मैंने सोचा राजनीति में आ गया हूं तो पोजिशन का इस्तेमाल का हिंदुओं को सबक सिखाने के लिए कर सकता हूं। इस दौरान खालिद सैफी मेरे पास आया है। उसने कहा कि उमर खालिद है जो जेएनयू का छात्रा है वह अपनी कौम के लिए जान लेने और देने की बातें करता है। उसके साथ मुलाकात करनी होगी। फिर हमने खालिद से मुलाका की। ये मुलाकात 8 जनवरी को शाहीन बाग के पीएफआई दफ्तर में हुई थी। खालिद ने कहा था कि इस सरकार के रहते हुए हमारा धर्म खतरे में है। हम सबको मिलकर कुछ करना चाहिए।'
ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान प्लानिंग
हुसैन ने पुलिस को बताया कि ट्रंप की यात्रा के दौरान CAA के खिलाफ लोगों को सड़कों पर उतरने की अपील की थी। जिसके बारे में मुझे खालिद सैफी ने बताया था और मुझे भी अपनी तैयारियों को तेज करने को कहा था। इसके बाद खालिद सैफी ने मुझसे कहा कि आपका मकान सबसे ऊंचे इलाके में है आने वाले समय में इसका इस्तेमाल करेंगे। मुझे कहा कि मैं जितनी ज्यादा हो सकते अपनी छत पर कांच की बोतलें, पेट्रोल तथा तेजाब और पत्थर इकट्ठा कर सकता हूं।
अपने कबूलनामें में कहा, 'शाहीन बाग की तर्ज पर सबसे पहले खालिद सैपी ने उसकी एक जानकार इशरत के साथ मिलकर खुरेजी में धरना शुरू करवाया इसके बाद योजनाबद्ध तरीके से धरने शुरू हो गए। इसे लेकर चार फरवरी को अबुल फजल एन्केलव मै बैठक हुई। अपनी योजना के तहत 24 फरवरी को हमने कई लोगों को बुलाया और उन्हें बताया कि कैसे पत्थर, पेट्रोल बम और एसिड बोतल फेंकना है। मैंने अपने परिवार को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया। 24 फरवरी 2020 को दोपहर करीब 1.30 बजे हमने पत्थर फेंकना शुरू कर दिया।'