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Tejashwi Yadav: 26 साल की उम्र में बने उप मुख्यमंत्री, विपक्ष में आने पर दिखे अलग तेवर

Updated Oct 21, 2020 | 14:11 IST

Tejashwi Yadav: बिहार विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं। उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ा जा रहा है। तेजस्वी 26 साल की उम्र में उप मुख्यमंत्री बन गए थे।

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तेजस्वी यादव

Tejashwi Yadav: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव अभी सिर्फ 30 साल के हैं, लेकिन वो राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका में हैं। वह नवंबर 2015 से जुलाई 2017 तक बिहार के उप मुख्यमंत्री रहे। वर्तमान में बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं। वह देश के सबसे युवा विपक्षी नेता हैं। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और महागठबंधन उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ रहा है और उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार भी बनाया गया है।

क्रिकेट भी खेले तेजस्वी

तेजस्वी के माता और पिता दोनों बिहार के मुख्यमंत्री रहे हैं। उन्होंने नौवीं कक्षा तक पढ़ाई की, और फिर अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी किए बिना स्कूल छोड़ दिया। वह क्रिकेट में अपना करियर बनाना चाहते थे। राजनीति में प्रवेश से पहले तेजस्वी ने झारखंड के लिए एक रणजी ट्रॉफी मैच और दो सीमित ओवरों के मैच खेले। वह इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में 2008, 2009, 2011 और 2012 के सीजन में दिल्ली डेयरडेविल्स का भी हिस्सा थे।

तेजस्वी 2015 में विधायक चुने गए। वर्तमान में लालू की गैर मौजदूगी में वो आरजेडी की कमान संभाले हुए हैं। लालू के छोटे बेटे तेजस्वी 26 साल की उम्र में बिहार के उप मुख्यमंत्री बन गए थे। उनकी शिक्षा को लेकर उन पर लगातार निशाना साधा जाता है, लेकिन वो इसे हावी नहीं होने देते हैं। 2017 में जेडीयू जैसे ही महागठबंधन से अलग होकर बीजेपी के साथ सरकार बना लेती है, इसके बाद लोगों के सामने एक अलग तेजस्वी आते हैं। 

विपक्ष में आने पर दिखे अलग तेवर

तेजस्वी तब से नीतीश कुमार पर लगातार हमलावर रहे हैं। उन्होंने विपक्ष में रहते हुए एक विपक्षी नेता की भूमिका को बखूबी निभाया। उनका रवैया सरकार के प्रति काफी आक्रमक रहा, जिसे लोगों ने सराहा। इन चुनावों में वो बिहार में बेरोजगारी और पलायन की समस्या को जमकर उठा रहे हैं। सरकार बनने पर उन्होंने 10 लाख रोजगार का वादा भी किया है। तेजस्वी ने नीतीश कुमार को खुली चुनौती देते हुए कहा, 'आदरणीय नीतीश जी अपनी किसी एक उपलब्धि पर हमसे खुली बहस करें। लोकतंत्र की जननी बिहार से Chief Ministerial डिबेट की परंपरा शुरू होनी चाहिए। जनता को डिबेट सुन ऐसा CM चुनना चाहिए जो ऊर्जावान, वैज्ञानिक व तार्किक सोच, नई नीति और नई दिशा के साथ नया बिहार बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित हो।'

चुनाव प्रचार के दौरान तेजस्वी की रैलियों में काफी भीड़ उमड़ रही है, जिसकी खूब चर्चा हो रही है। अब देखना ये होगा कि क्या ये भीड़ वोट में तब्दील होती है? क्या तेजस्वी लालू की गैर मौजूदगी में आरजेडी को सत्ता में ला पाते हैं?

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