लाइव टीवी

Nirbhaya Case: दोषियों को 20 मार्च को होगी फांसी !,पटियाला हाउस कोर्ट का डेथ वारंट पर रोक लगाने से इंकार

Updated Mar 19, 2020 | 15:56 IST

पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों की उस अर्जी को खारिज कर दिया है जिसमें 20 मार्ट के डेथ वारंट पर रोक लगाने की मांग की गई थी।

Loading ...
nirbhaya case convict Mukesh Singh, Pawan Gupta, Vinay Sharma, Akshay Singh
मुख्य बातें
  • 20 मार्च को निर्भया के चारों गुनहगारों को दी जानी है फांसी
  • चारों दोषी अलग अलग तरकीबों के जरिए फांसी से बचने की कोशिश
  • निर्भया की मां बोलीं- 20 मार्च को न्याय जरूर मिलेगा।

नई दिल्ली।  निर्भया के दोषियों ने पटियाला हाउस कोर्ट के सामने 20 मार्च के डेथ वारंट पर रोक लगाने की मांग की थी। लेकिन अदालत ने रोक लगाने से इंकार कर दिया। अदालत के इस फैसले पर निर्भया की मां की वकील सीमा कुशवाहा ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सभी चारों दोषियों को सुबह 5.30 बजे तिहाड़ जेल में फांसी दे दी जाएगी। हालांकि अक्षय की पत्नी की अर्जी पर औरंगाबाद स्थित फैमिली कोर्ट मे 24 मार्च की दिन सुनवाई के लिए मुकर्रर की है।

पवन गुप्ता को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली थी राहत

निर्भया के एक गुनहगार पवन गुप्ता की उस अर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया जिसमें उसने खुद को वारदात के समय नाबालिग बताया था। अदालत के इस फैसले के बाद दोषी फांसी के और करीब पहुंच चुके हैं। हालांकि अभी कुछ और दोषियों की अर्जी पर सुनवाई होनी है। पवन के वकील ने दलील दी थी कि अदालत ने उन तथ्यों को नजरंदाज कर दिया था जिसमें पवन ने खुद को नाबालिग बताया था। हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उसके भी सभी कानूनी विकल्प समाप्त हो चुके हैं।

निर्भया की मां ने क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर निर्भया की मां आशा देवी का कहना है कि अदालत की तरफ से दोषियों को अनेकों मौके मिले। लेकिन दोषियों की यह फितरत बन चुकी है कि वो फांसी से ठीक पहले किसी न किसी तरह की चाल के जरिए फांसी को टलवाने की कोशिश करते हैं। अब कोर्ट को भी पता चल चुका है कि यह सह टैक्टिस है, निर्भया को कल यानि शुक्रवार 20 मार्च को इंसाफ मिल जाएगा

बच्चे को फांसी मत दो
दोषियों के वकील  एपी सिंह ने कहा कि प्रकृति भी कह रही है कि अगर रस्सी खरीदेंगे फांसी चढ़ाने के लिए तो मास्क बढ़ाने पड़ेंगे और एक दिन ऐसा होगा कि इससे भी इलाज नहीं होगा। वो कह रहे हैं कि प्रकृति का सम्मान करो साढ़े 16 साल के बच्चे को फांसी मत दो। मीडिया, राजनीतिक दवाब में यह सबकुछ हो रहा है। वो कोई आतंकी तो नहीं है, आदतन अपराधी भी नहीं है।

अलग अलग अदालतों के सामने ये हैं मामले
वारदात के समय पवन गुप्ता नाबालिग था या नही
वकील एम एल शर्मा की उस अर्जी पर भी सुनवाई होगी जिसमें उन्होंने कहा था कि वारदात वाले दिन मुकेश सिंह राजस्थान में था और इस तथ्य को साक्ष्यों के जरिए छिपाया गया था।
अक्षय की दूसरी दया याचिका पर राष्ट्रपति को फैसला सुनाना है, दूसरे दोषी भी एक बार फिर दया याचिका दाखिल कर सकते हैं।
पटियाला हाउस कोर्ट वकील ए पी सिंह की उस याचिका पर सुनवाई करेगी जिसमें फांसी की सजा के क्रियान्वयन पर रोक लगाने की मांग की गई है। पवन और अक्षय राष्ट्रपति द्वारा ठुकराई गई दया याचिका के खिलाफ अर्जी दाखिल करेंगे। 
फांसी के क्रियान्वयन से ठीक पहले सुप्रीम कोर्ट के सामने सभी दोषियों द्वारा अंतिम दया याचिका दायर की जा सकती है। 

बुधवार को दी गई थी पुतलों को फांसी
निर्भया के दोषियों को फांसी देने के दौरान किसी तरह की दिक्कत न हो। इसके लिए बुधवार को डमी टेस्ट किया गया था। सभी व्यवस्था को जांचा परखा गया। इस बीच निर्भया के एक दोषी ने इमोशनल अपील करते हुए कहा कि अगर उसकी फांसी से रेप के मामले रुक जाएं तो निश्चित तौर पर उसे फांसी पर चढ़ा देना चाहिए। 

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।