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Kargil Vijay Diwas: कारगिल युद्ध का टर्निंग प्वाइंट, जिसके बाद पाकिस्तान को भारत ने धूल चटाकर दम लिया 

श्वेता सिंह | सीनियर असिस्टेंट प्रोड्यूसर
Updated Jul 26, 2020 | 10:43 IST

Kargil Vijay Diwas: 26 जुलाई 1999 वो तारीख है, जो विश्व इतिहास में भारत के गौरव और पराक्रम की गाथा बयान करती है।  

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The turning point of Kargil war its decided India's victory
मुख्य बातें
  • 11 घंटे की लड़ाई के बाद टाइगर हिल पर किया था कब्जा 
  • भारत ने ऑपरेशन विजय की सफलता घोषित की 
  • 26 जुलाई विश्व इतिहास में भारत की विजय के नाम  

नई दिल्ली: विश्व की कोई भी सेना हमारे भारतीय जवानों का मुकाबला करने की सपने में भी नहीं सोच सकती। आमने-सामने युद्ध करने से संसार की कोई भी सीमा भारतीय जवानों से लोहा नहीं ले सकती, फिर पाकिस्तान क्या चीज है। जब-जब पाक नापाक हरकत करता है, उसे धूल चटाना और मिट्टी में मिलाना हमारे वीर सपूतों को बखूबी आता है। कारगिल विजय दिवस हर साल हर भारतीय का सर गर्व से ऊँचा कर देता है। साल 1999 में कारगिल की लड़ाई के टर्निंग पॉइंट की बात हम आपको बताएंगे, जिसने युद्ध का रुख ही मोड़ दिया और विजयश्री भारत माता के वीर सपूतों के माथे पर तिलक के रूप में लगा दिया।  

4 जुलाई को ही विजय निश्चित हो गई थी  

11 घंटे की लड़ाई के बाद जब भारतीय टाइगर्स ने टाइगर हिल पर अपना कब्जा जमाया, तो पाकिस्तानी सेना के होश उड़ गए। टाइगर हिल कारगिल द्रास सेक्टर की सबसे ऊँची चोटी है। सबसे खास बात ये है कि यहां से श्रीनगर-लेह नेशनल हाईवे-1ए पर पैनी नजर रखी जा सकती है। पाकिस्तानी सेना मकसद सियाचीन की सप्लाई लाइन को खत्म करके सियाचीन से भारत के दबदबे को हटाना था, लेकिन वो अपने मनसूबे में कामयाब नहीं हुआ। टाइगर हिल पर कब्जे से विश्व पटल पर भारत के विजय की चर्चा होने लगी थी। भारत माता के वीर सपूतों ने अपनी माँ की झोली में विजयश्री लगभग डाल दी थी।

 

कारगिल युद्ध की वो खास तारीखें, जिसे आपको जरूर जानना चाहिए  

कारगिल युद्ध के बारे में आपने बहुत जगह पढ़ा होगा, टीवी पर देखा होगा, लेकिन आज हम आपको उन खास तारीखों के बारे में बताएंगे, जिन्हें जानना आपके लिए एक भारतीय होने के नाते बहुत आवश्यक है।  

3 मई 1999 : यही वो तारिख है, जिस दिन कारगिल में पाकिस्तानी घुसपैठियों की खबर सामने आयी। हर बार चुपके से और पीछे से वार करने वाले पाक के नापाक इरादों की भनक लगी।  

10 मई 1999 : द्रास, ककसर और मुशको में भी घुसपैठियों की खबर भारतीय खेमे में लगीं।  

26 मई 1999 :  ये वो तारिख है जब भारतीय वायु सेना के जवानों ने इन घुसपैठियों पर हवाई हमले शुरू किये।  

5 जून 1999: भारत ने पाकिस्तान के क्षेत्र में दाखिल होने के डॉक्यूमेंट जारी किये।  

13 जून 1999 भारत ने द्रास के टोलोलिंग पर दोबारा से तिरंगा फहराया। 

4 जुलाई 1999 11 घंटे की लड़ाई के बाद टाइगर हिल पर भारतीय रणबांकुरों ने अपना कब्जा जमाया।  

5 जुलाई 1999 भारतीय सैनिकों ने अपने पराक्रम का जस्बा दिखाते हुए द्रास पर दोबारा कब्जा जमाया।  

7 जुलाई 1999 : बटालिक पर भारतीय सेना के वीर सपूतों ने दोबारा कब्जा किया।  

14 जुलाई 1999 :भारत ने ऑपरेशन विजय की सफलता घोषित की।  

26 जुलाई 1999 : विश्व इतिहास में भारत की विजय के नाम पर ये तारिख दर्ज की गई. यही वो तारिख है, जिसे हर भारतीय हर साल कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाता है।  जब-जब भारतीय सेना से कोई टकराएगा तब-तब उसे हार का आलिंगन करना होगा। भारत माता के वीर सपूतों के लहू में माँ का दूध आशीर्वाद बनकर बहता है। कारगिल युद्ध में शहीद हुए भारत माँ के हर वीर सपूत को शत-शत नमन!!  

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