- भारतीय मूल ब्रिटिश लेखक हैं सलमान रुश्दी, मिल चुका है बुकर प्राइज
- 1970 में पिता अहमद रुश्दी ने मकान बेचने के लिए किया था अग्रीमेंट
- साल 1963 में सलमान रुश्दी ने छोड़ दिया था भारत
नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मशहूर लेखक और बुकर प्राइस विजेता सलमान रुश्दी के राजधानी दिल्ली सिविल लाइंस स्थित पैतृक आवास की कीमत 130 करोड़ रुपए तय की है। इस आवास को उनके पिता साल 1970 में एक कांग्रेस नेता को बेंचने पर सहमत हो गए थे। हालांकि बाद में कुछ विवाद के कारण संपत्ति का सौदा नहीं हो सका।
साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर एक निर्णय दिया और यह फैसला कांग्रेस नेता भीकू राम जैन के पक्ष में था। इस निर्णय में कहा गया कि रुश्दी को बाजार मूल्य पर जैन परिवार को आवास सौंपना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट से संपत्ति की कीमत तय करने के लिए कहा जिसे अब 130 करोड़ रुपए तय किया गया है।
हालांकि जस्टिस राजीव सहाय ने यह स्पष्ट किया कि अगर जैन परिवार 130 करोड़ रुपए में संपत्ति खरीदने में असमर्थ रहता है तो रुश्दी को 130 करोड़ रुपए में किसी अन्य खरीददार को यह आवास बेचना होगा। कोर्ट ने यह भी साफ किया कि अगर 6 महीने में रुश्दी आवास बेचने में असफल रहते हैं तो उन्हें जैन परिवार को 75 करोड़ रुपए की सर्किल कीमत पर यह संपत्ति जैन परिवार को देनी होगी।
अगर जैन परिवार फिर भी संपत्ति खरीदने में असफल रहता है तभी रुश्दी 1970 में संपत्ति को लेकर दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते से मुक्त हो सकेंगे।