- लॉकडाउन की वजह से कोरोना पर लगाम कसने में मिल रही है मदद
- पहले 3.2 दिन में केस होते थे दोगुने लेकिन अब 6 दिन का समय लग रहा है
- 19 राज्यों में डबलिंग रेट औसत रेट से कम
नई दिल्ली। भारत में अब तक कोरोना के कुल 13, 337 मामले दर्ज किए गए हैं। कोरोना की वजह से 437 लोगों की मौत हुई है। इन सबके बीच स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कुछ ऐसी जानकारियां दी गईं जो दिल को खुश करने वाली है। संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि सरकार स्थानीय स्तर पर आरटीपीसीआर किट पर काम कर रही है और मई के अंत तक 10 लाख किट बनाने का लक्ष्य है।
लॉकडाउन से कोरोना पर लगाम लगाने में मिल रहा है फायदा
कोरोना के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि लॉकडाउन से पहले कोरोना मरीजों की संख्या हर तीन में दोगुना हो जाती थी। लेकिन पिछले सात दिनों के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि अब मरीजों की संख्या 6.2 दिन में दोगुना हो रही है। इसके साथ ही मरीजों की संख्या में डबलिंग का दर 19 राज्यों और यूनियन टेरिटरी में औसत डबलिंग रेट से कम है। उन्होंने यह भी बताया कि अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या और मौत की दर में अस्सी- बीस का अनुपात है। इसका अर्थ यह है कि हम ज्यादा मरीजों की जान बचा पाने में भी कामयाब हो रहे हैं।
19 राज्यों में डबलिंग रेट औसत रेट से कम
सभी केंद्रशासित प्रदेशों के साथ साथ केरल, उत्तराखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, लद्दाख, पुडुचेरी, दिल्ली, बिहार, ओडिशा, तमिलनाडुस आंध्र प्रदेश, यूपी, पंजाब, असम और त्रिपुरा शामिल हैं।उन्होंने कहा कि सरकार शिद्दत से कोरोना के खिलाफ टीका के विकास में जुटी हुई है। कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में बीसीजी, प्लाज्मा थिरैपी, मोनोक्लोनल एंटी बॉडी का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को टेस्ट के दायरे में लाया जाए।