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झारखंड में गठबंधन में दरार ! कांग्रेस ने बुलाई अपने विधायकों की बैठक

Updated Apr 05, 2022 | 12:44 IST

झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार में खटपट की खबर है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के विधायक सोरेन की कार्यप्रणाली से खुश नहीं है। इस सिलसिले में झारखंड़ कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे ने विधायकों की बैठक बुलाई है।

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झारखंड में गठबंधन में दरार ! कांग्रेस ने बुलाई अपने विधायकों की बैठक
मुख्य बातें
  • झारखंड में कांग्रेस और झामुमो में खटपट की खबर
  • कांग्रेस ने अपने विथायकों की बैठक बुलाई
  • कांग्रेस का आरोप सरकार में पार्टी को तवज्जो नहीं

देश में इस समय कांग्रेस पार्टी झारखंड और महाराष्ट्र में गठबंधन की सरकार में शामिल है। लेकिन दोनों जगह विधायकों का रोना है कि कहने के लिए वो सरकार में हैं लेकिन उनकी अहमित नहीं है। वो सरकार में रहते हुए भी जनता के लिए कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इन सबके बीच झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार में खटपट की खबर है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के विधायक सोरेन की कार्यप्रणाली से खुश नहीं है। इस सिलसिले में झारखंड कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे ने विधायकों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में क्या कुछ आगे निकलेगा ये तो समय बतायेगा लेकिन झामुमो के भीतर भी सब कुछ ठीक नहीं है। हाल ही में सीता सोरेन के नाखुश होने की भी खबर सामने आई थी। 

दिल्ली में बैठक में 30 लोग शामिल
दिल्ली में चल रही बैठक में करीब 30 लोग शामिल हैं। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के नेताओं को शिकायत है कि जिस तरह से सरकार चलनी चाहिए उस तरह से हेमंत सोरेन नहीं चल रही है। सोरेन के कुछ ऐसे फैसले किए जो गठबंधन धर्म के खिलाफ था। यानी कि कांग्रेस से पूछे बिना फैसले लिए गए। ऐसे में कोई भी सरकार कैसे चल सकती है। सरकार बनने के वक्त जब यह साफ हो चुका था कि एक न्यूनतम एजेंडे पर सरकार आगे बढ़ेगी तो कहीं कहीं हेमंत सोरेन उससे पीछे हटे रहे हैं। कुछ विधायकों का यह भी कहना है कि कभी कभी हमें शर्मनाक हालात का सामना करना पड़ता है। 

2024 में अकेले जाने की तैयारी !
इसके साथ यह भी कहा जा रहा है कि 2024 में जब झारखंड में लोकसभा के चुनाव होंगे तो कांग्रेस पूरी दमखम के साथ उतरना चाहती है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के मौजूदा विथायकों को चार विधानसभाओं की जिम्मेदारी दी जाएगी जो वहां की जमीनी हकीकत को जानने और समझने की कोशिश करेंगे और आलाकमान को जानकारी देंगे। कांग्रेस की सोच यह है कि अब पूरी तैयारी के साथ लोगों के बीच जाया जाए। ऐसे में सवाल यह है कि क्या कांग्रेस खुद किसी तरह का रास्ता तलाश रही है। जानकार कहते हैं कि इसे आप बिहार की राजनीति से भी जोड़ कर देख सकते हैं। आपने देखा होगा कि बिहार में आरजेडी के साथ गठबंधन होने के बावजूद भी कांग्रेस के रिश्ते सहज नहीं हैं और उसका असर झारखंड की राजनीति पर भी पड़ रहा है। 

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