- देश में कोरोना के केस 54 लाख के पार, इस समय रिकवरी रेट करीब 80 फीसद
- स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले कई दिनों से 90 हजार से ज्यादा कोरोना मरीज रिकवर हुए
- 'कोरोना का वैक्सीन मिलने से पहले सोशल डिस्टेंसिंग ही बचाव का सबसे बेहतर तरीका'
नई दिल्ली। कोरोना महामारी की सिर्फ एक दवा उसकी वैक्सीन है। रूस अपनी वैक्सीन उतार चुका है और चीन ने दावा किया है, इन सबके बीच स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा था कि आने वाले साल की शुरुआत में कोरोना वैक्सीन भारत में उपलब्ध हो सकता है। हर एक दिन कोरोना के बढ़ते हुए आंकड़े को देखकर लगता है कि हालात नियंत्रण में नहीं है। लेकिन पिछले तीन दिनों में आया एक आंकड़ा खुश करने वाला है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अब हर एक दिन अस्पतालों से 90 हजार से अधिक कोरोना मरीज डिस्चार्ज हो रहे हैं।
हर रोज 90 हजार लोग हो रहे हैं कोरोना मुक्त
भारत में जिस तरह से कोरोना मुक्त होने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है उसकी वजह से रिकवरी के मामले में भारत दुनिया के शीर्ष देशों में शामिल हो चुका है। इस तरह से देश में करीब 80 फीसद से ज्यादा मरीज ठीक हो चुके हैं। निश्चित तौर पर इस तरह के आंकड़े खुश करने वाले हैं। केंद्र सरकार का कहना है कि जब तक कोरोना की वैक्सीन बाजार में नहीं आ जाती, हमें दो गज की दूरी को बनाए रखना होगा।
जहां हो रही ढील, वहां बढ़े आंकड़े
जानकार बताते हैं कि कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी पूरे देश में एक जैसा नहीं है। देश के अलग अलग हिस्सों से तस्वीरें एक जैसी नहीं है। अगर बात दिल्ली की करें तो जिस तरह से मई जून और जुलाई के महीने में तेजी आई थी वो अगस्त के अंत में कंट्रोल में थी। लेकिन सितंबर से केस बढ़ने लगे। कुछ इसी तरह के आंकड़े महाराष्ट्र से भी आए। इसके बारे में जानकार बताते हैं कि जिस किसी इलाके में सोशल डिस्टेंसिंग जैसे उपायों में ढील नजर आ रही है उसका असर आंकड़ों पर दिखाई दे रहा है।
क्या कहता है सीरो सर्वे
हाल ही में दिल्ली सरकार की तरफ से सीरो सर्वे जारी किया गया था। उस सर्वे के नतीजे को देखें तो एक बात साफ है कि दिल्ली की 66 फीसद जनता किसी न किसी रूप में कोरोना का शिकार हुई थी। सीरो सर्वे में यह जानकारी सामने आई कि 66 फीसद लोगों में एंटी बॉडी का निर्माण हुआ है। इसी तरह से मुंबई के सीरो सर्वे में 55 फीसद लोगों में एंटीबॉडी का निर्माण हुआ था। विशेषज्ञ कहते हैं कि इस समय सोशल डिस्टेंसिंग, मॉस्क का प्रयोग ही सबसे बेहतर उपाय है।