- 21 दिन तक पूरे देश में लॉकडाउन, घरों से निकलने पर प्रतिबंध
- गुजरात के कुछ कंपनियों ने कर्मचारियों से घर जाने को कहा
- साधन नहीं मिलने से परेशान कर्मचारी पैदल ही अपने घरों के लिए निकले
नई दिल्ली। 24 मार्च 2020 को पीएम नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन में साफ कर दिया कि कोरोना के खिलाफ जंग में लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग ही एक मात्र उपाय है। पीएम की इस अपील का असर होता दिखाई भी दे रहा है। लेकिन कुछ इस तरह के भी दृश्य और खबरें सामने आ रही हैं जो पीएम की अपील की धज्जियां उड़ा रही हैं।
ऐसे कैसे जीतेगा इंडिया
हमारे सहयोगी एनबीटी के मुताबिक गुजरात के सांबरकांठा में एक कंपनी के मालिक ने अपने कर्मचारियों को पांच सौ रुपए पकड़ाए और बोला कि वो अपने घरों को चले जाएं। कंपनी में काम करने वाले लोग राजस्थान के उदयपुर के हैं। अगर गूगल मैप पर सांबरकांठा और उदयपुर के बीच की दूरी को देखें तो वो 150 किमी से ज्यादा है। हुआ यूं कि जब लॉकडाउन का ऐलान किया गया तो कंपनी के मालिक इन लोगों से छुटकारा पाना ही बेहतर समझा। कर्मचारियों के हाथों में पांच सौ रुपए की नोट पकड़ाई और बोल दिया कि तुम लोग अपने घरों को जा सकते हो। अह चुंकि किसी तरह का साधन नहीं था तो कर्मचारी पैदल ही अपने घरौंदे के लिए निकल पड़े।
राजस्थान के मजदूरों का आरोप
राजस्थान के रहने वाले एक शख्स तेजभाई का कहना है कि वो अहमदाबाद के रानीप इलाके में काम कर रहा था । जब लॉक जाउन का ऐलान हुआ तो उनके मालिक ने कहा कि काम बंद कर राजस्थान जाने के लिए कहा। उसने बस किराए के पैसे दिए। लेकिन सार्वजनिक परिवहन बंद होने की वजह से उसके सामने पैदल जाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था, लिहाजा वो पैदल ही अपने गांव के लिए निकल पड़ा।
पुलिस की तरफ से मिली कुछ मदद
हालांकि इस तरह की तस्वीर के बीच कुछ राहतभरी खबर भी आई। जैसे हाईवे पर रास्ते पर पड़ने वालों ढाबों ने खाना खिलाया। साबरकांठा पुलिस को जब इसकी जानकारी हुई को बयान भी आया कि मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने का इंतजाम भी कराया जा रहा है। जिन कंपनियों की तरफ से इन्हें घर जाने के लिए कहा गया उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।