- जौहर विश्वविद्याल की दीवाल में मिली किताबें
- मदरसा आलिया की थी किताबें
- किताबों के अलावा पांडुलिपियां भी बरामद
समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और विधायक आजम खान एक बार फिर चर्चा में हैं। 80 से ज्यादा मुकदमों का सामना कर रहे आजम खान जमानत पर हैं। इस समय उनकी चर्चा जौहर विश्वविद्यालय की वजह से हो रही है। बता दें कि जौहर विश्वविद्यालय पर किस तरह आरोप लगा कि उसके जरिए व्यक्तिगत और सरकारी जमीनों पर कब्जा किया गया। लेकिन इस समय आजम खान सुर्खियों में इस वजह से है क्योंकि जौहर विश्वविद्यालय की दीवारों में किताबे मिलीं जिसे चुनवा दिया गया। पुलिस ने इस संबंध में सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा कि दीवारों में जो किताबें मिली हैं वो नवाब के मदरसे से चोरी हुई थीं। किताबों की संख्या एक, दो नहीं बल्कि हजारों में है। किताबों को लिफ्ट सॉफ्ट की दीवाल में पाया गया था।
कैसे पता चला
रामपुर पुलिस ने दो आरोपियों अनवर और सालिम की जानकारी पर किताबों को बरामद किया था। बताया जा रहा है कि किताबों की चोरी मदरसा आलिया लाइब्रेरी से किया गया था जिसे ओरिएंटल लाइब्रेरी के नाम से जाना जाता है। मदरसा आलिया की स्थापना रामपुर के नवाब ने 1774 में की थी। किताबों की चोरी के संबंध में एफआईआर तीन साल पहले 2019 में दर्ज करायी गई थी। दरअसल इसी महीने की 18 तारीख को अनवर और सालिम की गिरफ्तारी हुई थी। गिरफ्तारी के बाद मदरसा आलिया के प्रिंसिपल ने कहा कि अगर आरोपियों से किताबों की चोरी के बारे में पूछचाछ की जाए तो बड़ी जानकारी हाथ लग सकती है। कड़ाई से पूछताछ के बाद दोनों आरोपियों ने जौहर विश्वविद्यालय के उस जगह के बारे में जानकारी दी (म्यूजियम की लिफ्ट के नीचे) जहां किताबें रखी हुई थीं।
ऐतिहासिक किताबें गायब हुईं
नवाब खानदान से ताल्लुक रखने वाले शख्स नावेद मियां कहते हैं कि जौहर विश्वविद्यालय से जिन किताबों को बरामद किया गया है वो ऐतिहासिक हैं। रामपुर में जामा मस्जिद बनवाने वाले नवाब कल्बे अली खान की शायरी की किताब भी बरामद हुई थी। मदरसा आलिया का कहना है कि 2016 में 10 हजार से ज्यादा किताबें गायब हुई थीं। इससे पहले भी जौहर विश्वविद्यालय से 2 हजार से अधिक किताबें बरामद गुई थी।
क्या कहते हैं जानकार
जानकारों का कहना है कि आपको पता होगा कि आजम खान अपने जौहर विश्वविद्यालय को विश्वस्तरीय बनाने की चाहत रखते थे। अब विश्वस्तरीय होने के लिए यह जरूरी है कि सभी जरूरी संसाधन हो। जिसमें बेहतरीन पुस्तकालय भी शामिल है। जहां तक सवाल किताबों की है तो जिस तरह से चोरी के जरिए लाई गईं और उन्हें दीवालों में चुनवा दिया गया उससे पहली नजर में तो यह बात साफ है कि मंशा सही नहीं थी। अगर दो आरोपी पकड़े ना गए होते तो यह सब पता भी नहीं चला होता। अब जब सारा सच सामने है तो यह देखना भी दिलचस्प होगा कि क्या आजम खान किस तरह से जवाब देते हैं।