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पश्चिम बंगाल: अब ममता बनर्जी की निगाहें 'कमल के फूल' पर हुईं टेढ़ी, इस बात से हैं खफा

Updated Feb 19, 2020 | 09:29 IST

TMC objection on Lotus: पश्चिम बंगाल में सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के बीच आपसी तकरार जारी रहती है वहीं अब टीएमसी ने एक स्कूल की ड्रेस पर लगे कमल के फूल के लोगो पर विरोध जताया है।

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24 परगना रानिया में मौजूद प्राइमरी स्कूल की यूनिफॉर्म पर कमल का फूल बना हुआ था इसको लेकर टीएमसी ने जताया विरोध

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की राजनीति में बीजेपी और टीएमसी दो विरोधी धुरें हैं और दोनों किसी भी मुद्दे पर एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोई मौका नहीं चूकते हैं। ऐसा ही एक मामला राज्य के 24 परगना से सामने आया है जहां एक प्राइमरी स्कूल की ड्रेस पर तृणमूल कांग्रेस ने विरोध दर्ज कराया है।

मामला दरअसल ये है कि 24 परगना रानिया में मौजूद प्राइमरी स्कूल की यूनिफॉर्म पर कमल का फूल बना हुआ है अब इस बात को नोटिस में लेने के बाद सत्तारुढ़ टीएमसी की भवें इसपर टेढ़ी हो गईं और स्कूल प्रशासन से कह दिया कि इसे स्कूल ड्रेस से हटाया जाए क्योंकि ये बीजेपी के चुनाव चिन्ह को प्रमोट करता हुआ लोगो है।

वहीं इस स्कूल की टीचर इंचार्ज बिजली दास ने कहा कि हम पिछले 11-12 सालों से इस लोगो का इस्तेमाल कर रहे हैं क्योंकि कमल हमारा राष्ट्रीय फूल है  उन्होने आगे कहा कि अचानक कुछ लोगों ने आपत्तियां उठानी शुरू कर दी..

इस मामले पर हो रहे विरोध के बीच स्कूल प्रशासन ने ड्रेस पर से कमल के फूल को हटाने का फैसला कर लिया है। टीचर इंचार्ज ने कहा कि हम जल्द ही 'सर्व शिक्षा मिशन' के लोगो का उपयोग शुरू करेंगे।

टीएमसी और बीजेपी के बीच आरोप प्रत्यारोप
कहा जा रहा है स्कूल में पढ़ रहे कुछ छात्रों के गार्जियंस ने इसपर कोई आपत्ति नहीं जताई है वहीं कुछ छात्रों के माता-पिता ने बीजेपी लोगो को लेकर विरोध दर्ज कराया था। बताया जाता है कि नियमानुसार स्कूल यूनिफॉर्म में मोटो होता है और इसके लिए लोगो का उपयोग स्कूल कर सकता है साथ ही लोगो को पंजीकृत किया जाना चाहिए।

टीएमसी के स्थानीय नेताओं का कहना है कि स्कूल में हाल ही तक इस लोगो का इस्तेमाल नहीं किया जाता था वहीं इसके उलट स्कूल का दावा है कि ये 2009 से बना हुआ है।

वहीं बीजेपी का आरोप है कि इस मामले के अलावा मालदा जिले में कई स्कूलों में शिक्षा विभाग के अफसरों ने दीवारों पर पेंट किए गए कमलों को हटा दिया है जबकि वहां सकूल की दीवारों पर राष्ट्रीय फूल, पशु, पक्षी और फलों की पेटिंग की गई है मगर केवल कमल का फूल हटाया जा रहा है।

 

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