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Delhi Elections: मुश्किल मोड़ पर केजरीवाल को मिली  'ममता', जानिए होगा कितना असर? 

Updated Jan 30, 2020 | 15:36 IST

आम आदमी पार्टी के समर्थन में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी भी उतर आई है। जानिए चुनावी दंगल में इसका आप को कितना मिलेगा फायदा।

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kejriwal mamata Banarjee

नई दिल्ली: 8 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए होने वाले मतदान से पहले पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ त्रिणमूल कांग्रेस ने शाहीन बाग में हो रही राजनीतिक हलचल के बाद आम आदमी पार्टी के समर्थन का फैसला किया है। टीमएमसी नेता और राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने गुरुवार को एक ट्वीट करके दिल्ली की जनता से आप उम्मीदवारों का साथ देने की अपील की। 

उन्होंने आम आदमी पार्टी के राजेंद्र नगर सीट से उम्मीदवार और पार्टी प्रवक्ता राघव चड्ढा के समर्थन के लिए जारी वीडियो में कहा, आम आदमी पार्टी ने लोगों को बिजली पानी के साथ-साथ प्रदूषण से निपटने के लिए  संसाधन उपलब्ध कराए। राधव चड्ढा राजेंद्र नगर से ताल्लुक रखते हैं और वो बेहद शानदार और ऊर्जावान उम्मीदवार हैं। वो उन चुनिंदा प्रतिभाशाली युवा नेताओं में से एक हैं जिनसे मेरी दिल्ली में मुलाकात हुई है। 

उन्होंने अपने ट्ववीट में लिखा, आम आदमी पार्टी के राजेंद्र नगर क्षेत्र से उम्मीदवार राधव चड्ढा को वोट दें। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल और आप के सभी उम्मीदवार के पक्ष में वोट करें। 

टीएमसी और आप के बीच संबंध धीरे-धीरे प्रगाढ़ होते गए। दोनों कई बार भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ आयोजित राजनीतिक कार्यक्रमों में एक साथ शिरकत कर चुके हैं। ऐस में पहले से ही ये माना जा रहा था कि कई अन्य दल इस बार दिल्ली के चुनावी दंगल में अपनी किस्मत नहीं आजमाने उतरेंगे।

भटक गया है चुनावी मुद्दा 
सीएए के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग इलाके के चल रहा आंदोलन पूरे देश की नजर में आ गया है। ऐसे में दोनों ही दल इस विरोध प्रदर्शन के समर्थन में हैं। पहले माना जा रहा था कि दिल्ली विधानसभा चुनाव विकास के मुद्दों पर लड़ा जाएगा लेकिन शाहीन बाग में हो रहे विरोध प्रदर्शन ने इसे पूरी तरह पलट दिया। लोग इस मुद्दे पर दो धड़ों में बटते दिख रहे हैं और वोटों का ध्रवीकरण होता दिख रहा है। ऐसे में एक-एक वोट चुनाव में अहम हो गया है। 

आप लगातार कर रही है रणनीति में बदलाव

आम आदमी पार्टी स्थितियों पैनी नजर लगाए बैठी है औ लगातार अपनी रणनीति में भी बदलाव कर रही है। ऐसे में वो भी वोटरों को अपने पाले में रखने के लिए नए-नए पैंतरे आजमा रही है। मतदान से दस दिन पहले उसने अपना ध्यान डोर टू डोर कैंपेन की ओर केंद्रित कर लिया है। इसके अलावा आप नेता विद्रोहियों और छोटे दलों को अपने पाले में करने की कोशिश में भी जुटे हैं।

जानिए कितना पड़ेगा बंगाली वोट बैंक का असर 

दिल्ली में टीएमसी का बेस मजबूत नहीं है लेकिन बंगाली मूल के लोगों की यहां अच्छी खासी आबादी है। दिल्ली में ज्यादातर  बंगाली आबादी चितरंजन पार्क, महावीर इंक्लेव, निवेदिता इंक्लेव और टैगोर पार्क में रहती है। दिल्ली में बंगाली समुदाय की आबादी 2001 में 2,08,414 थी और 2011 में बढ़कर यह आबादी 2,15,960 हुई। ऐसे में  बंगाली वोटरों कांटे की टक्कर की स्थिति में निर्णायक साबित हो सकते हैं। 

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