- दिलीप घोष के दुर्गा पर दिए गए बयान को लेकर मचा हंगामा
- पश्चिम बंगाल में घोष के बयान को लेकर टीएमसी कार्यकर्ताओं ने मुंडवा लिए सिर
- घोष ने अपने बयान पर दी सफाई, कहा- दुर्गा राजनीति का विषय नहीं
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जुबानी जंग तेज हो गई। इस बीच बीजेपी के राज्य इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने मां दुर्गा को लेकर ऐसा विवादित बयान दिया है जिसने तूल पकड़ लिया है। तृणमूल कांग्रेस ने दिलीप घोष के इस बयान को हथियार बनाते हुए बीजेपी पर हमला किया है। टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने बीजेपी पर राम और दुर्गा के बहाने हिंदुओं को बांटने का आरोप लगाया। दिलीप घोष के बयान के विरोध में कई टीएमसी समर्थकों ने अपना सिर मुंडवा लिया है।
क्या बयान दिया
दरअसल दिलीप घोष ने एक टीवी चैनल के कार्यक्रम के दौरान कहा था कि वे आश्चर्यचकित हैं कि तृणमूल कांग्रेस ने कैसे 'भगवान राम के खिलाफ दुर्गा मां' को खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा था, 'कोई भी हिंदू धर्म का संरक्षक नहीं है और यह बीजेपी है, जिसने 'जय श्री राम' को चुनावी विषय बना दिया है। भगवान राजा थे, गांधी जी ने भी राम राज्य की कल्पना की थी. दुर्गा पता नहीं कहां से आ जाती हैं।' उनके इस बयान के बाद से ही बवाल मचा हुआ है और टीएमसी लगातार बीजेपी पर हमले कर रही है।
तृणमूल बोली- माफी मांगे घोष
तृणमूल कांग्रेस ने दिलीप घोष से माफी मांगने की मांग करते हुए कहा है कि उन्होंने देवी दुर्गा का अपमान किया है। हालांकि बीजेपी ने दिलीप घोष का बचाव किया है। पार्टी सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा है कि उनकी पार्टी को टीएमसी से सीखने की जरूरत नहीं है। दिलीप घोष के बयान के विरोध में 10 टीएमसी समर्थकों ने रविवार को हुगली में अपना सिर मुंडवा लिया।
घोष की सफाई
वहीं दिलीप घोष ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा है कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है। उन्होंने कहा, 'जब राजनीति की बात तो ये हम पर आरोप लगाते हैं। दुर्गा एक धार्मिक देवी है उनको आप धर्म से लाए, हम तो नहीं लाए। हम तो राजा राम को लाए। रबिंद्रनाथ टैगोर का फोटो लेकर दीदी पैदल चलती है, क्या वो राजनीतिक व्यक्ति थे, या टीएमसी के मेंबर थे? इनके पास कोई मुद्दा नहीं और बेवजह बयानबाजी कर रहे हैं।' घोष ने कहा कि दुर्गा राजनीति का विषय नहीं है। उन्होंने कहा कि बंगाल की जनता के मन में भगवान राम और दुर्गा को लेकर कोई कंफ्यूजन नहीं है औऱ टीएमसी जबरन इस पर राजनीति कर रही है।